भीड़ में खोया आदमी निबंध के द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

भीड़ में खोया आदमी निबंध के द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंइसके अतिरिक्त लेखक इस निबन्ध के द्वारा हमें यह भी बताना चाहता है कि बीमारी, कुपोषण, गंदगी , बेरोजगारी , गंदे और सिकीर्ण मकानों के दूषित वातावरण जैसी अनेक समस्याएं से बचाव का एक मात्र उपाय है – सीमित परिवार । समय रहते यदि हम न संभाले तो हम भी भीड़ का एक हिस्सा बनकर ही रह जाएंगे ।

भीड़ में खोया आदमी कहानी में लेखक कहां जा रहे थे और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : इस पंक्ति में लेखक ने तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या के कारण बेरोज़गारी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। हमारे देश में बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है। नौकरी न मिलने के कारण आज के बेरोज़गार नवयुवक गलत मार्ग अपनाने लगे हैं, यही कारण है कि लोगों का जीवन-स्तर बहुत नीचे आ गया है।

भीड़ में खोया आदमी के लेखक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंबाबू श्यामलाकांत लेखक के मित्र थे। वह स्वभाव से सीधे-सादे, परिश्रमी किन्तु लापरवाह किस्म के आदमी थे। उन्होंने बच्चों की फौज़ खड़ी कर ली थी। लेखक से छोटे होने के बावजूद भी उनके सात बच्चे थे।

किसने घर में बच्चो की फ़ौज खड़ी कर ली फ़ौज में कितने सदस्य थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक के मित्र बाबू श्यामलाकांत ने अपने घर में बच्चों की एक फौज खड़ी कर ली है।

भीड़ में खो जाने का क्या अर्थ है भीड़ में खोये हुए आदमी को किस बात का अहसास होता है?

इसे सुनेंरोकेंबढ़ती जनसंख्या के कारण अनुशासन नहीं रहता, दुर्घटनाएँ बढ़ती हैं, समय, शक्ति और धन व्यय करके भी व्यक्ति के कार्य सिद्ध नहीं हो पाते। वह स्वयं भी भीड़ में खो जाता है।

भीड़ में खोया आदमी कहानी के आधार पर बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है?

Expert-verified answer question

  • भीड़ में खोया हुए आदमी पाठ में अाई हुई समस्याओं का वर्णन करते हुए उन समस्याओं का समाधान निम्न प्रकार से बताया गया है।
  • – पहली समय बताई गई है बड़ा परिवार।
  • इस समस्या का समाधान है कि परिवार नियोजन का पालन करते हुए केवल एक या दो बच्चों को जन्म दिया जाए।

लेखक का स्टेशन पर आरक्षण क्यों नहीं हो पाया?

इसे सुनेंरोकेंस्टेशन पर आरक्षण क्यों नहीं हो पाया? ➲ स्टेशन पर आरक्षण इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि लेखक आरक्षण कराने के लिए यात्रा से 15 दिन पहले जब स्टेशन पर गए तो वहां बहुत लंबी कतार लगी थी। कई घंटे प्रतीक्षा करने के बाद जब लेखक की बारी आई तब पता चला कि किसी भी गाड़ी में जगह नहीं बची। इसी कारण लेखक को आरक्षण नहीं मिल पाया।

श्यामलाकांत ने अपने जीवन में कौन सी लापरवाही की थी उसका फल उन्हें किस प्रकार मिला?

इसे सुनेंरोकें- चौथी समस्या को बताते हुए लेखक कहते है कि बड़ा परिवार होने के कारण उस परिवार के सदस्य कुपोषण का शिकार हो जाते है, जैसे लेखक के मित्र श्यामलाकांत जी की पत्नी दिन रात काम करते रहने व स्वयं का ख्याल न रख पाने के कारण कमजोर हो गई थी व बीमार रहती थी ।

लेखक को अपने मित्र श्यामलाकांत को अब इस भीड़ का रहस्य बताने की आवश्यकता क्यों नहीं रही?

शहर पहले की तुलना में क्यों फैलते जा रहे है?

इसे सुनेंरोकेंशहर पहले की तुलना में कई गुना फैल चुके हैं। नई कॉलोनियाँ बन गई हैं, परंतु फिर भी लोग मकानों के लिए भटक रहे हैं। जनसंख्या बढ़ रही है परंतु मकान और खाद्यान्न कम हो रहे हैं।

स्टेशन पर आरक्षण क्यों नहीं हो पाया *?

इसे सुनेंरोकें३. स्टेशन पर आरक्षण क्यों नहीं हो पाया? ➲ स्टेशन पर आरक्षण इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि लेखक आरक्षण कराने के लिए यात्रा से 15 दिन पहले जब स्टेशन पर गए तो वहां बहुत लंबी कतार लगी थी।