अज्ञान का क्या मतलब है?

अज्ञान का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकें- 1. ज्ञान का अभाव 2. जानकारी या सूचना का न होना 3. मिथ्याज्ञान; अविद्या।

ज्ञान और अज्ञान में क्या फर्क है?

इसे सुनेंरोकेंस्पष्ट है किसी चीज, वस्तु या स्थान के बारे में जानना ज्ञान है। जो आप नहीं जानते वह अज्ञान है।

अज्ञान को संस्कृत में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअवमत: अवमत संस्कृत [विशेषण] 1.

अज्ञान का पर्यायवाची क्या है?

इसे सुनेंरोकेंParyayvachi of Agyaan (अज्ञान का पर्यायवाची शब्द) जड़ता, मूर्खता, अविद्या, मोह, अविवेक। Jadata, Moorkhata, Avidya, Moh, Avivek.

अप्राकृतिक का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजो मनुष्य या पशु की भौतिक प्रकृत्ति से भिन्न हो। जो प्रकृति के प्रायिक क्रमक से भिन्न हो।

संस्कृत में सुभाषितानि का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसु का अर्थ अच्छा/ सुन्दर है। भाषित यानी उक्ति/वचन/ कथन/ बात है। तो सुभाषित का अर्थ है सूक्ति। सुभाषित शब्द के प्रथमा विभक्ति बहुवचन का रूप है सुभाषितानि यानी सूक्तियां।

जेब टटोली कौड़ी न पाई में जेब टटोलने का क्या भाव है *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- (क) “जेब टाटोली कौड़ी न पाई’ का भाव यह है कि सहज भाव से प्रभु भक्ति न करके कवयित्री ने हठयोग का सहारा लिया। इस कारण जीवन के अंत में कुछ भी प्राप्त न हो सका। (ख) भाव यह है कि मनुष्य को संयम बरतते हुए सदैव मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए।

थल थल में बसता है शिव ही भेद न कर क्या हिंदू मुसलमां ज्ञानी है तो स्वयं को जान वही है साहिब से पहचान?

इसे सुनेंरोकेंभेद न कर क्या हिंदू-मुसलमां । ज्ञानी है तो स्वयं को जान, वही है साहिब से पहचान। शब्दार्थ – थल-जमीन, शिव-प्रभु, साहब–प्रभु या ईश्वर, थल-थल-कण-कण,भेद-अंतर । उसे जानने से पूर्व तुम स्वयं को पहचानने का प्रयत्न करो क्योंकि अपना आत्म ज्ञान कर प्रभु से पहचान आसान हो जाती है ।

सूक्तियां क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूक्तियाँ हमारी मानसिकता व हमारे शुद्ध विचारों का निर्माण करती हैं, जिनके अनुसरण से जीवन को सरलता से जिया जा सकता है। यह जीवन में सुहृद् मित्र की भाँति हमारा पथ-प्रदर्शन करती हैं।

सुभाषितम् शब्द का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंवह उक्ति या कथन जो बहुत अच्छा या सुन्दर हो।