मत्सर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दीशब्दकोश में मत्सर की परिभाषा किसी का सुख या विभव न देख सकना । डाह । हसद । जलन ।

लोभ से मोह की उत्पत्ति कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंलोभ तो ऐसी बुरी वृत्ति है जिसके चंगुल में एक बार यदि फंस गए फिर उससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो सकता है। परिवार में ही किसी की संपत्ति का लोभ ,,व्यवसाय में ही लोभ के चक्कर में कुछ गलत कार्य व यहां तक कि मित्रों से ही लोभ के कारण विवाद इत्यादि कर्म ऐसे हैं जिससे सिर्फ व सिर्फ कष्ट व दुख मिलना है।

कवित्री का मोह और लोभ से क्या संबंध है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: कवयित्री मनोविकारों को बंधन का कारण मानती है। मनोविकार मनुष्य को सांसारिक मोहमाया में लिप्त रखते हैं। मोह से संग्रह, क्रोध से विवेक खोना, लोभ से गलत कार्य, अहंकार से मदहोश आदि प्रवृत्तियों का उदय होता है।

लोभ मोह से वशीभूत होकर कार्य करना क्या है?

इसे सुनेंरोकेंलोभ-मोह, काम-क्रोध आदि विचार मनुष्य में स्वाभाविक रूप से विद्यमान रहते हैं, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन तथा बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना बहुत बुरा आचरण है। भारतवर्ष ने कभी भी उन्हें उचित नहीं माना, उन्हें सदा संयम के बंधन से बाँधकर रखने का प्रयत्न किया है।

काम क्रोध मद लोभ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकाम क्रोध, मद, लोभ, सब, नाथ नरक के पंथ। सब परिहरि रघुबीरहि, भजहुँ भजहिं जेहि संत। विभीषणजी रावण को पाप के रास्ते पर आगे बढने से रोकने के लिए समझाते हैं कि काम, क्रोध, अहंकार, लोभ आदि नरक के रास्ते पर ले जाने वाले हैं।

फूलों की प्राप्ति में कौन बाधक है *?

इसे सुनेंरोकें1 Answer. तुलसीदास जी के अनुसार काम, क्रोध, मद, लोभ और घर-परिवार से मोह आदि अवगुण ईश्वर प्राप्ति में बाधक होते हैं।

काम क्रोध और लोभ के द्वारा किसकी प्राप्ति निश्चित है?

इसे सुनेंरोकेंपूतना छह दोषों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद एवं मत्सर से युक्त राक्षसी थी। जिसे मारकर ही मोक्ष पाया जा सकता है। जीव भी अपने भीतर की पूतना रूपी राक्षसी प्रवृति को मारकर मोक्ष पा सकता है। यही तात्विक अर्थ है।

मनुष्य को अपना आचरण शुद्ध क्यों रखना चाहिए class 8?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य को अपना आचरण शुद्ध क्यों रखना चाहिए? ताकि अधिक से अधिक मित्र बनाए जा सकें। ताकि विश्व में अपनी संस्कृति का ऊँचा स्थान बना रहे। ताकि जीवन सुचारु रूप से चल सके।