राजस्थानी शैली से क्या तात्पर्य है?

राजस्थानी शैली से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थानी चित्र शैली का पहला वैज्ञानिक विभाजन आनंद कुमार स्वामी ने किया था। उन्होंने 1916 में राजपूत पेंटिंग नामक पुस्तक लिखी जिसमें राजस्थान की चित्रकला को राजपूत चित्रकला कहा तथा इसमें पहाड़ी चित्रकला को भी शामिल किया गया। राजस्थान चित्र शैली का क्षेत्र अत्यंत समृद्ध है। यह राजस्थान के व्यापक भूभाग में फैली है।

टेम्परा शैली क्या है?

इसे सुनेंरोकेंटेंपरा (Tempera) चित्र बनाने का एक परंपरागत विधान (टेकनीक) है और आज भी बहु प्रचलित है। टेंपरा चित्रण की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें किसी प्रकार के संश्लेषयुक्त पदार्थ (बाइंडिंग मैटीरियल) के साथ जलीय रंगों (वाटर कलर) का प्रयोग करते हैं। उक्त पदार्थ गोंद, अंडा केसिन आदि हो सकता है।

राजस्थान की लोक चित्रकला कौन कौन सी है?

राजस्थान की चित्र शैलियां

  • राजस्थानी चित्रकला के विषय पशु-पक्षियों का चित्रण
  • शैलियों की पृष्ठभूमि का रंग हरा – जयपुर की अलवर शैली
  • पशु तथा पक्षी हाथी व चकोर – मेवाड़ शैली
  • वृक्ष पीपल/बरगद – जयपुर तथा अलवर शैली
  • नयन/आंखे खंजर समान – बीकानेर शैली
  • मेवाड़ स्कूल उदयपुर शैली
  • मारवाड़ स्कूल जोधपुर शैली
  • ढूढाड़ स्कूल अलवर शैली

फ्रेस्को तकनीक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्रेस्को म्यूरल पेंटिंग की एक तकनीक है जिसे ताजा रूप से बिछाए गए या गीले चूने के प्लास्टर पर निष्पादित किया जाता है। पानी का उपयोग शुष्क-पाउडर वर्णक के लिए प्लास्टर के साथ विलय करने के लिए वाहन के रूप में किया जाता है, और प्लास्टर की स्थापना के साथ, पेंटिंग दीवार का एक अभिन्न अंग बन जाता है।

वाश पद्धति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवाश चित्रण शैली में जहाँ बंगाल में अधिकतर पारंपरिक विषयों पर चित्रण हुए वहीं उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने नवीन विषयों और रूपों का सृजन कर इस शैली में नवीन और असीमित प्रयोग किये है।

बीकानेर शैली का मुख्य चित्रकार कौन था?

इसे सुनेंरोकेंबीकानेर चित्र शैली के प्रमुख चित्रकारों में मुन्नालाल, मुकुन्द (१६९९ ई.), रामकिशन (१७७० ई.), जयकिशन मथेरण, चन्दूलाल (१६७८ ई.) का नाम उल्लेखनीय है। बीकानेर शैली के चित्रण में उस्ता परिवार के चित्रकारों उस्ता कायम, कासिम, अबुहमीद, शाह मुहम्मद, अहमद अली एवं शाहबदीन आदि प्रमुख चित्रकार थे।