30 नवंबर कौन सी एकादशी है?
इसे सुनेंरोकेंमार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी 30 नवंबर यानी मंगलवार को होगी. Utapanna Ekadashi 2021: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत (Ekadashi Vrat) का अपना ही विशेष महत्व है. यही वजह है कि हर व्रत का महत्व हिंदू धर्म में अलग होता है.
30 नवंबर 2021 को कौन सा एकादशी है?
इसे सुनेंरोकेंआज की तिथि (Aaj Ki Tithi) : 30 नवंबर 2021, मंगलवार को मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि है. इस एकादशी की तिथि को उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2021) भी कहा जाता है. इसे कन्या एकादशी (Kanya Ekadashi 2021) के नाम से भी जाना जाता है.
30 तारीख को कौन सी एकादशी है?
इसे सुनेंरोकेंसफला एकादशी व्रत (Saphala Ekadashi) साल की अंतिम एकादशी के रूप में 30 दिसंबर यानी आज मनाया जा रहा है और यह व्रत हर वर्ष पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है।
उत्पन्ना एकादशी कब से कब तक?
इसे सुनेंरोकेंUtpanna Ekadashi 2021 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो एकादशी मनाई जाती है और एक वर्ष में 24 एकादशी मनाई जाती है. वहीं, अधिकमास में 26 एकादशी मनाई जाती है. इस प्रकार मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi Kab Hai) 30 नवंबर को है.
30 नवंबर को एकादशी कितने बजे से कितने बजे तक है?
इसे सुनेंरोकेंमंगलवार, 30 नवंबर, 2021 : उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ- मंगलवार, 30 नवंबर दोपहर 2 बजे से शुरू होकर बुधवार, 01 दिसंबर 2021, को दोपहर 12.55 मिनट पर एकादशी समाप्त होगी। पारण का सबसे शुभ टाइम बुधवार यानी 01 दिसंबर को प्रातःकाल 7.40 से 9:00 बजे तक रहेगा।
देवउठनी एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकें* एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। * द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा देना चाहिए।
देवउठनी एकादशी कब से कब तक?
इसे सुनेंरोकेंएकादशी तिथि 14 नवंबर 2021 को सुबह 05 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होगी और 15 नवंबर 2021 को सुबह06 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। देवउठनी एकादशी तिथि से चतुर्मास अवधि खत्म हो जाती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सो जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं।
मोक्षदा एकादशी कब है?
इसे सुनेंरोकेंमोक्षदा एकादशी 2021 तिथि पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 32 मिनट से हुआ है. एकादशी तिथि आज 14 दिसंबर को रात 11 बजकर 35 मिनट तक है.