प्रयोजनमूलक हिंदी के व्यवहार क्षेत्र निम्न में से कौन कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकेंसाहित्यिक हिन्दी -प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस क्षेत्र के अन्तर्गत कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी जैसी विधाओं की भाषा आती हैं। 8. प्रशासनिक हिन्दी -प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस क्षेत्र के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त भाषा एवं उसकी पारिभाषिक शब्दावली का अध्ययन किया जाता है।
प्रयोजनमूलक हिंदी से क्या अभिप्राय है इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए?
इसे सुनेंरोकेंप्रयोजनमूलक हिन्दी की अपनी विशेष प्रयोजनपरक तकनीकी शब्दावली तथा पदावली होती है जो सरकारी कार्यालयों, मानविकी, तन्त्र ज्ञान, विज्ञान, अन्तरिक्ष विज्ञान तथा कम्प्यूटर आदि सभी ज्ञान एवं विभिन्न शास्त्रों की शाखाओं को सार्थक अभिव्यक्ति प्रदान करती है।
डॉ सुरेश कुमार जी के अनुसार प्रयोजन मूलक हिंदी के कितने वर्ग है?
इसे सुनेंरोकेंसाहित्यिक हिंदी डॉ. भोलानाथ तिवारी ने प्रयोजनमूलक हिंदी को सात भागों में विभाजित किया है, जिनमें उपयुक्त छह रूपों के अतिरिक्त सामान्य बोलचाल की हिंदी भी शामिल है।
2 प्रयोजनमूलक हिन्दी की विशेषता कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंप्रयोजनमूलक हिन्दी की भाषा सटिक, सुस्पष्ट, गम्भीर, वाच्यार्थ प्रधान, सरल तथा एकार्थक होती है और इसमें कहावतें, मुहावरे, अलंकार तथा उक्तियाँ आदि का बिल्कुल प्रयोग नहीं किया जाता है। इसकी भाषा-संरचना में तटस्थता, स्पष्टता तथा निर्वैयक्तिकता स्पष्ट रूप से विधमान रहती है और कर्मवाच्य प्रयोग का बाहुल्य दिखाई देता है।
प्रयोजनमूलक हिंदी प्रक्रिया और स्वरुप के रचनाकार कौन है?
इसे सुनेंरोकेंआन्ध्र प्रदेश के भाषा-विद् श्री मोटूरि सत्यनारायण के प्रयासों ने सन 1972 ई. में प्रयोजनमूलक हिन्दी को स्थापना दी। उन्हें चिन्ता थी कि हिन्दी कहीं केवल साहित्य की भाषा बनकर न रह जाए।
प्रयोजनमूलक हिंदी का क्या अभिप्राय है स्पष्ट कीजिए और उसकी विशेषताएं लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंदिलीप सिंह जी की मान्यता है, “जीवन और समाज की विभिन्न आवश्यकताओं व दायित्वों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाई जाने वाली हिन्दी ही प्रयोजनमूलक हिन्दी है।” जबकि डॉ. बृजेश्वर वर्मा ने इसे इस प्रकार परिभाषित किया है“प्रयोजनमूलक विशेषण हिन्दी के व्यावहारिक पक्ष को अधिक उजागर करने के लिए प्रयक्त हआ है।
जीवन की आवश्यकताओ के पूर्ति के लिए उपयोग में लायी जानेवाली हिंदी ही प्रयोजन मूलक हिंदी है यह किसकी परिभाषा है?
इसे सुनेंरोकेंप्रयोजनमूलक हिन्दी(Prayojanmulak hindi) हिंदी में प्रयोजनमूलक हिन्दी शब्द ‘ functional language ‘ के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है, जिसका तात्पर्य है- जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लायी जाने वाली भाषा। ‘ इसका प्रमुख लक्ष्य जीविकोर्पान का साधन बनना होता है।
संपर्क भाषा का प्रयोग कौन कौन से क्षेत्रों में होता?
इसे सुनेंरोकेंहिन्दी का क्षेत्र विस्तृत है। सम्पर्क भाषा हिन्दी का आयाम सबसे व्यापक और लोकप्रिय है जिसका प्रसार क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर से बढ़कर भारतीय उपमहाद्वीप तक है। शिक्षित, अर्धशिक्षित, अशिक्षित, तीनों वर्गों के लोग परस्पर बातचीत आदि के लिए और इस प्रकार मौखिक माध्यम में जनभाषा हिन्दी का व्यवहार करते हैं।