गंधर्वसेन की घुड़साल में कितने घोड़े थे?

गंधर्वसेन की घुड़साल में कितने घोड़े थे?

इसे सुनेंरोकेंजायसी लिखते हैं – ‘लंका में जैसा रावण का राज्य सुना गया है, उससे भी बढ़कर गंधर्वसेन का साज सामान था. उनके पास 56 करोड़ सैनिकों से सज्जित दल था. घुड़साल में 16 सहस्त्र घोड़े थे.

पद्मावत में कुल कितने खंड है?

इसे सुनेंरोकें’पद्मावत’ मसनवी शैली में रचित एक प्रबंध काव्य है। इस महाकाव्य में कुल 57 खंड हैं। इस महाकाव्य में पद्मावती एवं रत्नसेन की लौकिक प्रेम कहानी के द्वारा अलौकिक प्रेम की व्यंजना की गयी है। इस काव्य का प्रारम्भ काल्पनिक कथा से है और अंत इतिहास पर आधारित है।

पद्मावत में सिंगल दीप किसका प्रतीक है?

इसे सुनेंरोकेंवह मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत की केंद्रीय चरित्र है जो सिंहल द्वीप (श्रीलंका) की निवासी है, चित्तौड़ के राजा रतन सेन से उसकी शादी हुई है जिनहोने उसके अनुपम सौंदर्य से वशीभूत हो उसे हासिल करने के लिए बहुत मुश्किलात झेलीं।

पद्मावत महाकाव्य में राजा रतन सिंह किसका प्रतीक है?

इसे सुनेंरोकेंपद्मावत की रचना में उन्होंने नायक रतनसेन और नायिका पद्मिनी की प्रेमकथा के जरिए प्रेम-साधना का संदेश दिया है। रतनसेन चित्तौड़ का राजा है। पद्मावती उसकी रानी है जिसके सौंदर्य की प्रशंसा सुनकर तत्कालीन सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी उसे पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर युद्ध में जीतता है।

पद्मावत में किसकी प्रेम गाथा है?

इसे सुनेंरोकेंपद्मावत को अवधी भाषा की पहली प्रमुख रचना माना जाता है। इसमें जायसी ने नायक रतनसेन और नायिका पद्मिनी की प्रेमकथा को विस्तारपूर्वक कहते हुए प्रेम की साधना का संदेश दिया है।

रानी पद्मावती का जन्म कब हुआ था?

इसे सुनेंरोकेंरानी पद्मावती का जन्म 12-13 वीं सदी में सिंघल प्रांत (श्रीलंका) में हुआ था। जहां उनके पिता गंधर्वसेन वहाँ के राजा थे और उनकी माँ चंपावती रानी थी।

पद्मावती कैसे मरी थी?

इसे सुनेंरोकेंहालांकि इस लड़ाई में महाराज रतन सिंह खिलजी की सेना से लड़ते हुए मारे गए थे। बतातें हैं कि जब राजा की मृत्यु हो गई, उसके बाद चित्तौड़गढ़ की महिलाओं ने आग जलाई और अपनी आन-बान को बचाने के लिए रानी पद्मावती समेत कई महिलाओं ने आग में कूदकर अपनी जान दे दी।

पद्मावती महाराणा प्रताप की कौन थी?

इसे सुनेंरोकेंमें अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का सामना करना पड़ा। जिसका कारण अलाउद्दीन खिलजी की साम्राज्यवादी महत्वकांक्षा व चित्तौड़ के सैनिक एवं व्यापारिक उपयोगिता थी। 1540 ई. में मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखित पद्मावत में अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ आक्रमण का कारण रावल रतनसिंह की पत्नी पद्मिनी को प्राप्त करना बताया गया है।