गिलोय का वैज्ञानिक नाम क्या है?
Tinospora cordifoliaगिलोय / वैज्ञानिक नाम
इसे सुनेंरोकेंगिलोय या गुडुची, जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, का आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके खास गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है और इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है।
गुरुच क्या होती है?
इसे सुनेंरोकेंगुरुच संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] एक प्रकार की कड़वी बेल जो दवा के काम आती है ; गिलोय। गुरुच- संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत गुडूची] एक प्रकार की मोटी बेल जो रस्सी के रूप में बहुत दूर तक चली जाती है । विशेष- यह बेल पेड़ों पर चढी़ मिलती है और बहुत दिनों तक रहती है । इसकी पत्तियाँ पान के आकार की गोल गोल होती हैं ।
क्या गुरुच और गिलोय एक ही है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय (अंग्रेजी:टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) (अन्य नाम – गुच्छ) की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि।
गुरुच क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंस्त्री० [सं० गुडूची] पेडों पर चढ़नेवाली एक प्रकार की मोटी लता जो बहुत कड़वी होती और प्रायः ज्वर आदि रोगों में दी जाती है। गिलोय।
गुरुच क्या है?
इसे सुनेंरोकेंगुरुच Meaning in Hindi – गुरुच का मतलब हिंदी में गुरुच संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] एक प्रकार की कड़वी बेल जो दवा के काम आती है ; गिलोय। गुरुच- संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत गुडूची] एक प्रकार की मोटी बेल जो रस्सी के रूप में बहुत दूर तक चली जाती है । विशेष- यह बेल पेड़ों पर चढी़ मिलती है और बहुत दिनों तक रहती है ।
गिलोय को हिंदी में क्या बोलते हैं?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय (अंग्रेजी:टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) (अन्य नाम – गुच्छ) की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। ‘बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता है।
गिलोय में कौन सा विटामिन पाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है. गिलोय का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में किया जाता है. ये एक बेहतरीन पावर ड्रिंक भी है.
गिलोय के पेड़ को कैसे पहचाने?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय का तना करीब 2-2.5 सेंटीमीटर मोटा हो जाता है। गिलोय के तने पर सफेद-भूरी पतली छाल होती है जो आसानी से निकाल जाती है और अंदर गाढ़े हरे रंग का तना दिखने लगता है। गिलोय की बेल किसी पेड़, दीवार आदि के सहारे ऊपर बढ़ती है और बहुत तेजी से फैलती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप गिलोय को किसी पेड़ की जड़ के आस-पास बोयें।