तुलसी में पुंकेसर की संख्या कितनी है?

तुलसी में पुंकेसर की संख्या कितनी है?

तुलसी का पौधा क्षुप (झाड़ी) के रूप में उगता है और १ से ३ फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ १ से २ इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं।…तुलसी (पौधा)

तुलसी
जाति: O. tenuiflorum
द्विपद नाम
Ocimum tenuiflorum L.
पर्यायवाची

मरवा क्या चीज होती है?

इसे सुनेंरोकेंमरुआ बनतुलसी या बबरी की जाति का एक पौधा। यह पौधा बागों में लगाया जाता है। इसकी पत्तियाँ बबरी की पत्तियाँ से कुछ बड़ी, नुकीली, मोटी, नरम और चिकनी होती हैं, जिनमें से उग्र गंध आती है। इसके दर देवताओं पर चढ़ाए जाते हैँ।

मरवा का पौधा क्या काम आता है?

इसे सुनेंरोकेंमरुआ की चटनी खाने से पेट की कीड़े निकल जाते हैं। यह पेट के इंफेक्शन को भी ठीक करता है। अगर आपका बच्चा बहुत छोटे हैं, तो इस स्थिति में आप मरुआ की पत्तियों को पीसकर रस निकाल लें। 4-6 बूंद मरुआ की पत्तियों का रस बच्चों को खाली पेट पिलाएं।

मरवा का पौधा कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंतुलसी की प्रजाति के इस पौधे को ‘मरुआ’ नाम से जाना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘मरुआ दोना’ भी कहते हैं। इसकी पत्तियां कुछ बड़ी, नुकीली, मोटी, नरम और चिकनी होती हैं जिनमें से काफी तेज महक आती है। इसकी फुनगी पर कार्तिक अगहन में तुलसी के भांति मंजरी निकलती है, जिसमें छोटे-छोटे सफेद फूल खिलते हैं।

मरवा के बीज क्या काम आते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसका पौधा सूक्ष्मजीवाणुरोधी, विषाणुरोधी, कृमिघ्न, क्षुधावर्धक, रक्तशोधक, हृद्य, मूत्रल तथा कफवातशामक होता है। यह ऐंठन, अवसाद, उदरात्र विकार, अर्धावभेदक, शिरशूल, पक्षाघात, कास तथा श्वास शामक होता है। शिर शूल-मरुवक के ताजे पौधे को पीसकर मस्तक पर लगाने से शिरशूल का शमन होता है।

तुलसी के बीज का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंUrban Platter तुलसी के बीज (सब्जा), 850g तुलसी के बीज जो खाने के लिए उपयोग किए जाते हैं वे मीठे तुलसी के पौधे से बीज होते हैं, Ocimum basilicum. उन्हें थाई तुलसी के बीज, फालूदा, सबजा, सबजा, सेलेसीह या तुक्मरिया भी कहा जाता है.

मरुआ का पौधा कैसे लगाएं?

इसे सुनेंरोकेंऐसे में अगर आप बारशि के मौसम में मरुआ नाम को पौधा अपने घर में लगाते हैं, तो इन कीड़े मकोड़ो से राहत मिल सकती है। इस पौधे को बरसात के दिनों में ही उगाया जाता है, क्योंकि यह भी तुलसी की जाति का ही एक पौधा होता है। मरुआ के पौधे को गमले में लगाकर घर के किसी कोने में रख दें या फिर घर के बीच आंगन में इसे लगा दें।