घर में रामू की बहू की क्या स्थिति थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर रामू की बहू घर में जो भी स्वादिष्ट व्यंजन बनवाती थी, उसकी लाख सावधानी के बावजूद कबरी बिल्ली उसे चट कर जाती थी। उसकी सास और पति को रूखा-सूखा भोजन ही मिल पाता था। सास की मीठी झिड़कियाँ भी सुननी पड़ती थी।
कबरी बिल्ली के मरने की सूचना पाते ही घर में कैसी स्थिति उत्पन्न हो गई?
इसे सुनेंरोकेंरामू की बहू कबरी बिल्ली से घृणा करती थी। सुबह होने पर रामू की बहू ने देखा कि कबरी देहरी पर बैठी बड़े प्रेम से देख रही है। महरी ने जब पंडित जी को बुलाने के बारे में पूछा तो सास की जान में जान आई। बिल्ली की हत्या की खबर बिजली की तरह पड़ोस में फैल गई।
रामू की बहू कबरी बिल्ली से तंग क्यों आ गई थी?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. रामू की बहू कबरी बिल्ली से घृणा इसलिए करती थी क्योंकि कबरी बिल्ली उसके घर का पूरा दूध पी जाती थी और पूरे घर में गिरा देती थी इसीलिए रामू की बहू को कबरी बिल्ली बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी और वह उससे घृणा करती थी।
रामू के घर में प्रायश्चित्त का विधान क्यों किया गया?
इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों में प्रायश्चित का विधान है, सो प्रायश्चित से सब कुछ ठीक हो जाएगा. ‘ रामू की मां ने कहा,’पंडितजी, इसीलिए तो आपको बुलवाया था, अब आगे बतलाओ कि क्या किया जाए! ‘ ‘किया क्या जाए, यही एक सोने की बिल्ली बनवाकर बहू से दान करवा दी जाए.
कबरी बिल्ली का अर्थ?
इसे सुनेंरोकेंकबरी संज्ञा स्त्री० [सं०] चोटी । जूड़ा ।
प्रायश्चित किसकी रचना है?
इसे सुनेंरोकेंप्रायश्चित्त हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार एवं कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एकांकी नाटक है। इसका प्रकाशन सन् १९१४ ई॰ में ‘इन्दु’ में हुआ था।
कबरी बिल्ली के माध्यम से समाज में व्याप्त?
इसे सुनेंरोकेंकबरी बिल्ली यदि किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से और अगर रामू की बहू घर भर में किसी से घृणा करती थी, तो कबरी बिल्ली से। उसकी अभी नयी-नयी शादी हुई थी और वह मायके से ससुराल आयी थी। चौदह वर्ष की ‘बालिका, कभी भण्डार-घर खुला है, तो कभी वहीं बैठे-बैठे सो गयी। कबरी बिल्ली को मौका मिलता, वह घी-दूध पर जुट जाती।
रामू को रूखा सूखा भोजन क्यों मिलता था?
इसे सुनेंरोकेंरामू को रुखा सुखा भोजन इसलिए मिलता था क्योंकि क्योंकि कबरी बिल्ली उसका सभी भोजन खा जाता था।
रामू की बहू के सिर पर कब खून सवार हो गया?
इसे सुनेंरोकेंरामू की बहू को देखकर कबरी भाग गयी। रामू की बहू पर खून सवार हो गया। उसने कुछ सोचा और एक कटोरा दूध कमरे के दरवाजे पर रखकर चली गयी। हाथ में पाटा लेकर लौटी, तो देखती है कि कबरी दूध पर जुटी हुई है।
बिल्ली की हत्या करने से कौन सा नरक मिलता है किसने किससे कहा?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: पंडित परमसुख जी के अनुसार बिल्ली की हत्या से ‘कुंभीपाक नरक’ मिलने की संभावना थी, क्योंकि रामू की माँ के मन में यह अंधविश्वास था कि अपने हाथों बिल्ली की हत्या का पाप चढ़ता है और बिल्ली की हत्या के पाप के फलस्वरुप बड़ा प्रायश्चित करना पड़ता है, इसीलिए उन्होंने पंडित परमसुख जी से प्रायश्चित करने का उपाय पूछा था।
प्रायश्चित कहानी की प्रमुख पात्र कौन हैं?
इसे सुनेंरोकें7 — ‘प्रायश्चित कहानी के एकमात्र पुरुष पात्र पण्डित परमसुख के चरित्र और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए ।। (i) कर्मकाण्डी ब्राह्मण- पण्डित परमसुख एक कर्मकाण्डी ब्राह्मण हैं ।। वह कर्मकाण्ड के स्थान पर प्रकाण्ड पाखण्ड में अधिक विश्वास रखते हैं ।। नित्य पूजा पाठ करना उनका धर्म है ।।