तीस्ता नदी पर कौन सा बांध है?

तीस्ता नदी पर कौन सा बांध है?

इसे सुनेंरोकेंतीस्ता-वी बांध निर्माण 2007 में तीस्ता नदी पर पूरा हुआ था। 87 मीटर की ऊंचाई और लगभग 176 मीटर की लंबाई के साथ, बांध में 510 मेगावाट पनबिजली पैदा होती है। तीस्ता नदी सफेद पानी नदी राफ्टिंग जैसे पानी के खेल के लिए प्रसिद्ध है। सिक्किम और दार्जिलिंग दोनों तीस्ता नदी पर राफ्टिंग का आयोजन करते हैं।

तीस्ता नदी का उद्गम स्थान क्या है?

इसे सुनेंरोकें⇒तीस्ता नदी सिक्किम राज्य के हिमालयी क्षेत्र के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। फिर पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है और बाद में बांग्लादेश में रंगपुर से बहती हुई ब्रह्मपुत्र नदी में (फुलचोरी नामक स्थान पर) मिल जाती है।

तीस्ता नदी कौन से ग्लेशियर से निकलती है?

इसे सुनेंरोकेंतीस्ता नदी 7,068 मीटर से ऊपर बहती है और सिक्किम हिमालय में पहरुओं और ग्लेडिड्स के माध्यम से दक्षिण की ओर बहती है, जिसकी शुरुआत पहुनरी ग्लेशियर से होती है।

तीस्ता जल विद्युत परियोजना कहाँ है?

तीस्ता – V

अवस्थिति पूर्व सिक्किम, सिक्किम
संस्थापित क्षमता 510 मेगावाट
डिज़ाइन ऊर्जा 2573 एमयू (95% मशीन की उपलब्धता सह‍ित 90% न‍िर्भरता वर्ष)
लाभभोक्ता राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बिहार, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और डीवीसी
वाणिज्यिक संचालन की तिथि (सीओडी) यूनिट #1-10/04/2008; यूनिट #2-01/03/2008; यूनिट #3-03/04/2008

तीस्ता जल विद्युत परियोजना कहाँ स्थित है?

तीस्ता नदी को देखकर लेखिका के मन में क्या भाव उत्पन्न हुए?

इसे सुनेंरोकेंतिस्ता नदी के किनारे बिखरे पत्थरों पर बैठे हुए लेखिका के मन में जैसे एक नया बोध जाग्रत हो रहा था। उसे लग रहा था कि सुख-शांति और सकून वहीं है, जहाँ अखडिता संपूर्णता है। पेड़, पौधे पशु और आदमी-सबकी अपनी एक लय और गति है। यह लय और गति अपने मूल और स्वभाव में बनी रहे, इसी में सबकी भलाई है।

तीस्ता परियोजना कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंतीस्ता-V पावर स्टेशन (3X170 मेगावाट) दैन‍िक भंडारण वाली बहते पानी की योजना (रन-ऑफ-दी-रीवर स्कीम) है, जोक‍ि कम वर्षा काल में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के ल‍िए तीस्ता नदी की जल व‍िद्युत संभाव्यता का दोहन करती है । यह सिक्किम राज्य में स्थित है।

बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंनदी घाटी परियोजनाएँ नदियों की घाटियो पर बडे-बडे बाँध बनाकर ऊर्जा, सिंचाई, पर्यटन स्थलों की सुविधाएं प्राप्त की जातीं हैं। इसीलिए इन्हें बहूद्देशीय (बहु + उद्देश्यीय) परियोजना कहते हैं। नदीघाटी योजना का प्राथमिक उद्देश्य होता है, किसी नदीघाटी के अंतर्गत जल और थल का मानवहितार्थ पूर्ण उपयोग।