सिद्धि साधना कैसे करें?

सिद्धि साधना कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंजिस मंत्र की साधना करनी हो पहले विधिपूर्वक जितना हर रोज जप सकें उतना प्रतिदिन जप कर सवा लाख बार जप पूरा कर मंत्र साधना करें। फिर जिस कार्य को करना चाहते हैं 108 बार या 21 बार जैसा मंत्र में लिखा हो- उतनी बार जप करने से कार्य सिद्ध होता है। मंत्र शुद्ध अवस्था में जपना चाहिए। भोजन भी शुद्ध खाना चाहिए।

साधना में सफलता कैसे मिले?

इसे सुनेंरोकेंसाधना में सफलता को देखने का आपका नजरिया जब आप साधना को पुरे विश्वास के साथ पूर्ण नहीं कर सकते तो क्या उम्मीद रख सकते है की शक्ति आएगी और आपका काम पूर्ण होगा. ऐसा नहीं है साधना में आपको सिर्फ सबसे ज्यादा जिस चीज पर फोकस करना चाहिए वो है आपकी आत्मशक्ति, ये जितनी strong होगी आपकी सफलता के चांस उतने ही प्रबल होंगे.

घर में साधना कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंसाधना करने से पहले साधना स्नान करें, निर्दिष्ट रंगीन कपड़े पहनें, विशिष्ट रंगीन आसन का उपयोग करें, दिए गए दिशा में बैठें और कलश, पञ्चपात्र, चम्मच, दीपक, भोजन अर्पण, फूल, बेल पत्र, तुलसी पत्र, दुर्वासा आदि जैसे सभी आवश्यक पूजा लेखों की व्यवस्था करें।

सिद्धि कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी भी कार्य में सिद्धि प्राप्त करने के लिए कठिन साधना की आवश्यकता होती है। आज बात करते हैं उन सिद्धियों के बारे में, जो बजरंगबली की कृपा से सहज ही प्राप्त हो जाती हैं। मार्कंडेय पुराण तथा ब्रह्मवैवर्तपुराण में सिद्धियों को इस प्रकार वर्णित किया गया है, ‘अणिमा लघिमा गरिमा प्राप्ति: प्राकाम्यंमहिमा तथा।

साधनाएं कितने प्रकार की होती हैं?

इसे सुनेंरोकेंसाधना दो प्रकार की होती है दैवी और आसुरी। इन्हीं को शास्त्र में दक्षिण और वाम मार्ग कहा गया है। दक्षिण मार्ग की साधना में साधक को लाभ चाहे न हो, परन्तु हानि तो होती ही नहीं। पर वाम मार्ग की साधना में लाभ नहीं होता तो नुकसान जरूर होता है।

साधना करने से क्या लाभ है?

इसे सुनेंरोकें’मंत्र साधना’ भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा है तो उस समस्या को मंत्र जप के माध्यम से हल कर सकते हैं। मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं।