समझाइए कि F2 पीढ़ी में कितने प्रकार के लक्षण प्रारूप व जीन प्रारूप बनेंगे?
इसे सुनेंरोकेंइन अपेक्षित अनुपातों से विचलन यह संकेत दे सकता है कि दो लक्षण जुड़े हुए हैं या कि एक या दोनों लक्षणों में वंशानुक्रम का एक गैर-मेंडेलियन मोड है। क्रॉस के F2 वंश का फेनोटाइपिक अनुपात 9: 3: 3: 1 है, जहां F2 व्यक्तियों में से दोनों लक्षणों के लिए प्रमुख फेनोटाइप रखते हैं, और 1/16 दोनों लक्षणों के लिए पुनरावर्ती हैं।
F1 पीढ़ी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदो जनक (माता -पिता P1 ) के बीच संकरण से उत्पन्न संतति को प्रथम या F1 पीढ़ी कहते है।
लक्षण प्रारूप और जीन प्रारूप क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअधिकांश जीनों के लिए, विषमयुग्मजी संदमक उत्परिवर्तन का लक्षण प्रारूप अपने आप में जंगली प्रकार का होगा (क्योंकि अधिकांश जीन अगुणित-अपर्याप्त नहीं होते), ताकि दोहरा उत्परिवार्तक लक्षण प्रारूप (संदमक), इकहरे उत्परिवर्तियों के बीच मध्यवर्ती होता है।
जीन प्रारूप क्या होते हैं?
इसे सुनेंरोकें(D.N.A.) की बनी वो अति सूक्ष्म रचनाएं जो अनुवांशिक लक्षणों का धारण एवं उनका एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण करती हैं, जीन (gene) वंशाणु या पित्रैक कहलाती हैं। जीन, डी एन ए के न्यूक्लियोटाइडओं का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें सन्निहित कूटबद्ध सूचनाओं से अंततः प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य संपन्न होता है।
जीन प्रारूप तथा लक्षण प्रारूप में क्या अन्तर है?
लक्षण प्रारूप व जीन प्रारूप में अन्तर लिखिए।
Question | लक्षण प्रारूप व जीन प्रारूप में अन्तर लिखिए। |
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Class | 10th |
Type of Answer | Video & Image |
Question Language | In Video – Hindi In Text – Hindi |
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प्रारूप और प्रारूप में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकें“प्रारूप” ‘वस्तुतः ‘प्राक्रूप’ होता है अर्थात् पत्र का कच्चा अन्तिम रूप और इसे तैयार करने का कार्य प्रारूपण कहलाता है।” 2. “आवती पर टिप्पणी कार्य समाप्त होने के बाद टिप्पणी के आधार पर आवती का उत्तर देने के लिए जो प्रारूप तैयार किया जाता है उसी को आलेखन या मसौदा या प्रारूप तैयार करना कहते हैं। “
समयुग्मजी से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंसमयुग्मजी : किसी गुण के लिये एक समान ऐलील वाला जीव सहयुग्मजी कहलाता है, उदाहरणतया RR ऐलील युक्त बीज की आकृति के लिये समयुग्मजी है। विषमयुग्मजी : किसी गुण के लिये एक जीव के दोनों ऐलील असमान होने की स्थिति को विषमयुग्मजी कहते हैं।