पान के पत्ते में क्या क्या डालकर खाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंपान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf) यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.
पान कैसे खाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंपान कसेला पदार्थ होने के कारण खाने के तुरंत बाद खाना चाहिए जिससे किए हुवे भोजन का पाचन अच्छे से हो सके। पान बनाते समय पान में चुना कत्था डालकर खाना चाहिए। सुबह के पान में सुपारी थोड़ी ज्यादा मात्रा में डालनी चाहिए।
पान खाने से क्या नुकसान होता है?
इसे सुनेंरोकेंक्या मीठा पान खाने से नुकसान हो सकता है। हां, अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो मीठा पान खाने से नुकसान हो सकता है। जैसे – मुंह का कैंसर होने का खतरा, रक्तचाप और हृदय की गति में वृद्धि आदि।
तुलसी की जड़ और पान खाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंमसूड़े में गांठ या फिर सूजन हो जाने पर पान के पत्तों में तुलसी का बीज इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. यदि आप सर्दी जुखाम की परेशानी से जुझ रहे है तो ऐसे में पान के पत्ते आपके लिए फायदेमंद रहेंगे. इसमें शहद और तुलसी के बीज साथ मिलाकर खाने से फायदा होता है. पान के पत्ते चबाने से सिरदर्द में राहत मिलती है.
पान खाने से मुंह लाल क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंजब हमने पान के पत्ते पर पहले चूने की एक परत और फिर कत्थे की एक परत लगाकर खाया तो मुँह गाढ़ा लाल हो गया जो ज़रूर इन दोनों के बीच हुई अभिक्रिया से हुआ होगा। जब हम पान चबाते हैं तो मुँह की लार भी इस क्रिया में भाग लेती है। यह लाल रंग एक रंजक का काम करता है जिससे होंठ और मुँह का भीतरी हिस्सा लाल हो जाता है।
कत्था खाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंकत्था में एंटी फंगल गुण होते हैं, यानी यह फंगल संक्रमण को रोकने में मदद करता है. साथ ही यह त्वचा के कई प्रकार की एलर्जी या पिगमेंटेशन के इलाज में कारगर है. कत्था खाने से दांत की समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं, इसे पायरिया जैसी बीमारी दूर होती है. पान के साथ कत्थे का उपयोग करने से मसूड़ों को मजबूती मिलती है.