निम्नलिखित में से किसे कास्टिक सोडा कहा जाता है
Sodium hydroxide (NaOH)
व्याख्या: सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) को ‘कास्टिक सोडा’ के रूप में जाना जाता है।
कास्टिक सोडा का उपयोग क्यों किया जाता है?
कास्टिक सोडा का उपयोग इसका उपयोग सफाई एजेंट के रूप में और वाशिंग सोडा के निर्माण में किया जाता है। कभी-कभी सोडियम हाइड्रॉक्साइड का प्रयोग प्रयोगशालाओं में अभिकर्मक के रूप में भी किया जाता है। इसका उपयोग सोडा लाइम बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग बॉक्साइट को शुद्ध करके एल्यूमीनियम के निष्कर्षण में किया जाता है।
कास्टिक सोडा एक अम्ल है?
एक क्षारीय (आधार) यौगिक के रूप में कास्टिक सोडा की ताकत को दो तरीकों से मापा जा सकता है: पीएच स्तर – सोडियम हाइड्रॉक्साइड समाधान का पीएच स्तर पानी में इसकी एकाग्रता के आधार पर भिन्न होता है।
कास्टिक अम्ल कैसे बनता है?
कास्टिक सोडा (आमतौर पर NaOH के रूप में) एक तरल के रूप में निर्मित होता है। ये नमकीन पानी (पानी में घुला हुआ सामान्य नमक) के माध्यम से एक विद्युत प्रवाह पारित करके उत्पन्न होते हैं। इसे इलेक्ट्रोलिसिस कहा जाता है, एक प्रक्रिया जिसे 120 से अधिक वर्षों से जाना जाता है।
क्या होता है जब एथेनॉल को कास्टिक सोडा के साथ गर्म करते हैं?
इसे सुनेंरोकें(i) एथेनॉल को आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 443K ताप पर गर्म करते हैं। (ii) एथेनोइक अम्ल सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करता है। (iii) एथिल एसीटेट सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है। (iv) मेथेन का दहन होता है।
कास्टिक पोटाश का सूत्र क्या है?
KOHपोटैशियम हाइड्रॉक्साइड / सूत्र
इसे सुनेंरोकेंकॉस्टिक पोटाश (Caustic Potash) का रासायनिक सूत्र KOH होता है; तथा इसका रासायनिक नाम (Chemical Name) पोटेशियम हाइड्रोक्साइड है।
अम्ल की पहचान कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंअम्ल (ऐसिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो पानी में घुलने पर खट्टे स्वाद के होते हैं (अम्ल = खट्टा), हल्दी से बनी रोली (कुंकम) को पीला कर देते हैं,तथा इनका जलीय विलयन नीले लिटमस पेपर को लाल करता है। अधिकांश धातुओं पर (जैसे जस्ते पर) अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं, और क्षारक को उदासीन (न्यूट्रल) कर देते हैं।
अम्ल एवं चारों की अभिक्रिया को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकिसी अम्ल और किसी क्षार को आपस में मिलाने पर होने वाली रासायनिक अभिक्रिया को अम्ल-क्षार अभिक्रिया (acid–base reaction) कहते हैं। सोडियम बाईकार्बोनेट और एसिटिक अम्ल के बीच होने वाली अभिक्रिया अम्ल-क्षार अभिक्रिया का एक उदाहरण है। इसमें सोडियम एसिटेट बनता है।