निर्जला एकादशी का व्रत कैसे खोलें?

निर्जला एकादशी का व्रत कैसे खोलें?

इसे सुनेंरोकेंजानकार बताते हैं कि निर्जला एकादशी का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। इस व्रत का पारण कभी भी हरि वासर के समय नहीं करना चाहिए। व्रत पारण करने के लिए प्रात: काल सबसे उत्तम है। द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठ कर स्नानादि कर लें फिर भगवान विष्णु की पूजा करें।

निर्जला व्रत में क्या खाना चाहिए?

निर्जला व्रत खोलते वक्त आपको नारियल पानी पीना चाहिए.

  • उपवास खोलने के बाद आपको एक बाउल पपीता या कोई फल खाना चाहिए.
  • फल खाने के करीब 1 घंटे बाद खाना खाएं.
  • व्रत खोलने के बाद एकदम से ज्यादा खाना न खाएं.
  • व्रत खोलने के बाद खट्टे फल नहीं खाने चाहिए.
  • निर्जला व्रत कब खोले?

    इसे सुनेंरोकेंनिर्जला एकादशी का मुहूर्त एकादशी तिथि 20 जून को शाम 04:21 बजे से ही शुरू हो जाएगी जिसका समापन होगा 21 जून दोपहर 01:31 बजे. इसलिए ये व्रत 21 जून को ही किया जाएगा. व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 22 जून को होगा.

    निर्जला व्रत में पानी कब पीना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। इसका कारण ये है कि वेदव्यास के अनुसार भीमसेन ने इसे धारण किया था। इस एकादशी nirjala ekadashi में एकादशी के सूर्योदय से द्वादशी के सूर्यास्त तक निर्जला यानि जल तक भी नहीं पीने का विधान है, इसी कारण इसे निर्जला एकादशी कहते हैं।

    एकादशी का व्रत क्या खाकर खोलें?

    इसे सुनेंरोकेंएकादशी व्रत में सभी प्रकार के फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि खाने योग्य पदार्थ में शामिल हैं।

    निर्जला एकादशी में क्या खाएं क्या ना खाएं?

    इसे सुनेंरोकें* एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। * द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा देना चाहिए।

    निर्जला एकादशी में दूध पी सकते हैं क्या?

    इसे सुनेंरोकेंऐसे रखें व्रत निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान करके भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की मूर्ति या शालिग्राम को पंचामृत – दूध, दही, घी,शहद व शक्कर से स्नान कराएं.

    एकादशी का पारण क्या चीज है?

    इसे सुनेंरोकेंपारण में क्या खाएं एकादशी का पारण अगर सही तरीके से न किया जाए, तो व्रत का फल नहीं मिलता. पारण करने के लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि करके भगवान का ध्यान किया जाता है. इसके बाद ब्राह्मण आदि को भोजन करवाया जाता है. पारण का भोजन सात्विक होना चाहिए.

    एकादशी के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकें* एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं। * एकादशी का उपवास रखने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।