बैंक समाधान विवरण पत्र से आप क्या समझते हैं?

बैंक समाधान विवरण पत्र से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबैंक समाधान विवरण एक ऐसा लेखा है जो Cash Book एवं Pass Book के शेष में हुए अंतर को मिलाने के लिए तैयार किया जाता है। दोनों वहियों के शेष में अंतर क्यों हुआ इसे ही जाहिर करने के लिए व्यवसायी के द्वारा समय-समय पर एक लेखा तैयार किया जाता है जिसे ही कहा जाता है बैंक अधिकोष समाधान विवरण।

बैंक समाधान विवरण पत्र से आप क्या समझते हैं इसे क्यों बनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंरोकड़ बही के बैंक शेष व बैंक पासबुक द्वारा प्रदर्शित शेष में अंतर के कारणों की पहचान कर पाएंगे। नकद व बैंक संबंधी लेन-देनों का अभिलेखन करती है। रोकड़ बही रोकड़ खाते व बैंक खाते दोनों के अंत में दोनों खातों का शेष प्रदर्शित करती है। अपने प्रलेखों को पूरा कर सकते हैं।

बैंक समाधान विवरण के क्या उद्देश्य है?

इसे सुनेंरोकेंबैंक समाधान विवरण ग्राहक द्वारा तैयार किया जाता है, न कि बैंक के द्वारा। बैंक समाधान विवरण दोहरा लेखा प्रणाली का अंग नहीं है। यह सिर्फ रोकड़ शेष को सिद्ध करने की एक विधि है। बैंक समाधान विवरण बनाने का उद्देश्य सिर्फ शेषों का मिलान करना ही नहीं अपितु त्रुटियों या भूलों के कारणों का पता लगाना भी है

बैंक में राशि जमा करने पर रोकड़ बही में कौन सी प्रविष्टि की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंचूँकि रोकड़ बही में लेन-देन की प्राथमिक प्रविष्टि की जाती है इसलिए इसे ‘मूल प्रविष्टि की बही’ (Book of Original Entry) भी कहा जाता है।

पासबुक में गलत प्रविष्टियों के क्या प्रभाव होते हैं समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंपासबुक में की गई प्रविष्टियों में खातेदार द्वारा भूल-चूक पाई जाने पर तथा बैंक को न बताने पर उस सम्बन्ध में हुए नुक्सान के प्रति बैंक उत्तरदायी नहीं होगा । (5) पासबुक में की गई ऐसी प्रविष्टियों के लिए जिन पर अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर न हों बैंक उत्तरदायी नहीं होगा ।

रोकड़ बही के अनुसार शेष क्या है?

इसे सुनेंरोकेंरोकड़ बही के अनुसार शेष (Balance As Per Cash Book) का अर्थ है ग्राहक द्वारा रखी गयी रोकड़ बही के बैंक खाने का शेष। यदि सिर्फ रोकड़ बही के अनुसार शेष दिया हो तो इसे नाम शेष ही समझना चाहिए। रोकड़ बही के जमा शेष को बैंक अधिविकर्ष (Overdraft) अर्थात रोकड़ बही के अनुसार प्रतिकूल शेष कहा जाता है।

पासबुक की क्या उपयोगिता है?

इसे सुनेंरोकेंग्राहक की दृष्टि से पासबुक की एक महत्वपूर्ण उपयोगिता यह है कि पासबुक से ही ग्राहक को ऐसे व्यवहारों की सूचना मिल पाती है जो बैंकर ने ग्राहक के खाते में किए होते हैं, जैसे बैंक द्वारा क्रेडिट (या डेबिट) किया गया ब्याज आनुषंगिक व्यय या प्रभार (Incidental Charges) खाते में संग्राहक किये गये चैक या बिल, स्थायी अनुदेशों ( …

पास बुक में गलत प्रविष्टियों का क्या प्रभाव होता है?

इसे सुनेंरोकेंग्राहक तथा बैंकर दोनों को ही यह अधिकार है कि किसी भी समय यदि वे कोई त्रुटि या भूल-चूक पासबुक की प्रविष्टियों में देखे तो उसमें सुधार करवा सकते हैं । (iv) उसे व्यय कर दिया हो, तो बैंकर इस प्रकार गलत किए गये भुगतान से ग्राहक से वसूल नहीं कर सकता ।

तलपट बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है कि तलपट बनाने का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि खाता बही में सभी नाम एवं जमा राशियां ठीक से अभिलेखित कर ली गई हैं अथवा नहीं तथा सभी खातों का शुद्धता से शेष निकाल लिया गया है या नहीं। खाता बही सारांश के रूप में यह समस्त खातों और उनके शेषों की सूची है।

विपरीत प्रविष्टि क्यों की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंऐसी प्रविष्टि जिसमें रोकड़ एवं बैंक दोनों खाते प्रभावित होते हों उसे विपरीत प्रविष्टि कहते हैं। रोकड़ बही में बट्टे के खाने का शेष नहीं निकाला जाता है। विपरीत प्रविष्टि के दो व्यवहारों के नाम दीजिए

पासबुक में गलत एंट्री के क्या प्रभाव है?

इसे सुनेंरोकेंपासबुक में एंट्री नहीं होने के कारण रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

पासबुक और चेक बुक में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंपासबुक और चेकबुक में क्या अंतर है?. पासबुक एक निरंतर आधार पर लेनदेन की रिकॉर्डिंग की सुविधा प्रदान करती है। बैंकर अपने ग्राहकों में एक छोटी-सी पुस्तिका देता है जिनमें बैंक समय-समय पर उन व्यवहारों की प्रविष्टियां करता रहता है जो उस खाते के सम्बन्ध में बैंकर तथा ग्राहक के बीच होते हैं