संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 6 में कितने अपवाद हैं?
इसे सुनेंरोकेंसंपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 6 के अंतर्गत जिन संपत्तियों को अंतरित किया जा सकता है उनका उल्लेख किया गया है। धारा 6 के अनुसार सभी संपत्तियों को अंतरित किया जा सकता है पर इस धारा के अंतर्गत कुछ ऐसे अपवाद प्रस्तुत किए गए हैं जिन्हें अंतरित नहीं किया जा सकता है। इन अपवादों को कुल 10 खंडों में बांटा गया है
संपत्ति अंतरण अधिनियम कब लागू हुआ?
इसे सुनेंरोकेंसंिक्षप् त नाम—यह अिधिनयम संपि -अंतरण अिधिनयम, 1882 कहा जा सकेगा । पर्ारम् भ—यह जुलाई, 1882 के पर्थम िदन को पर्वृ होगा ।
अजन्मे शिशु को क्या किसी संपत्ति का अंतरण किया जा सकता है?
इसे सुनेंरोकेंअजन्मे बच्चे को प्रॉपर्टी ट्रांसफर संपत्ति अधिनियम की धारा 13 और धारा 14 में किए गए प्रावधानों के तहत, एक अजन्मे बच्चे के नाम पर सीधे संपत्ति का ट्रांसफर बैन है. संपत्ति को उस अजन्मे बच्चे के नाम से तब तक निहित करना होगा, जब तक वह पैदा नहीं हो जाता
बंधक कितने प्रकार के होते हैं?
भारत में बंधक ऋण के प्रकार
- फिक्स्ड-रेट बंधक ऋण यह एक सामान्य प्रकार का ऋण है जहां समय के साथ ब्याज दरें बदल सकती हैं।
- सरल बंधक ऋण
- Usufructuary बंधक ऋण
- सबप्राइम या सब बंधक ऋण
- अंग्रेजी बंधक
- समायोज्य दर बंधक ऋण
संपत्ति अंतरण से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंदान से संबंधित प्रावधान संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत यथेष्ठ रूप से दिए गए हैं। दान- किसी वर्तमान जंगम या स्थावर सम्पत्ति का वह अन्तरण है जो एक व्यक्ति द्वारा, जो दाता कहलाता है, दूसरे व्यक्ति को जो आदाता कहलाता है स्वेच्छया और बिना प्रतिफल के किया गया हो और आदाता द्वारा या उसकी ओर से प्रतिगृहीत किया गया हो
संपत्ति के अंतरण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंअधिनियम के अनुसार, ‘संपत्ति के अंतरण’ का अर्थ एक ऐसा कार्य है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति एक या एक से अधिक व्यक्तियों, या स्वयं और एक या एक से अधिक व्यक्तियों को संपत्ति प्रदान करता है। संपत्ति हस्तांतरण का कार्य वर्तमान या भविष्य के लिए किया जा सकता है।
बंधक संपत्ति क्या है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 58 बंधक की परिभाषा : किसी विशिष्ट अचल संपत्ति में किसी हित का वह अन्तरण, जो उधार के तौर पर दिये जाने वाले या दिए गये धन के भुगतान को या वर्तमान या भविष्य में दिये जाने वाले ऋण के भुगतान को या ऐसे वचनबन्ध का पालन जिससे धन सम्बन्धी दायित्व की उत्पत्ति हो सके, प्रतिभूति करने के प्रयोजन या उद्देश्य से किया जाता है
न्यायसंगत बंधक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंबंधक ऋण या ‘गिरवी कर्ज’ (mortgage loan) उस ऋण को कहते हैं जो किसी वास्तविक संपत्ति (जैसे घर, भूमि, सोना आदि) को बंधक रखकर तथा एक बंधक विलेख (mortgage note) के द्वारा प्राप्त किया जाता है। बंधक ऋण चाहने वाला अपनी किसी सम्पत्ति को ऋण की अदायगी न होने तक ऋणदाता के अधिकार में दे देता है (बंधक-विलेख पर अपनी सहमति देकर)।
दृश्यमान स्वामी से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंजैसा कि शब्द से प्रतीत होता है दृश्यमान का अर्थ होता है ऐसा व्यक्ति जो संपत्ति का असल स्वामी नहीं है परंतु वे संपत्ति का स्वामी प्रतीत होता है। साधारण भाषा पर इसे संपत्ति का नकली स्वामी कहा जा सकता है