ीुगलेना कौन से जगत का जीव है?
इसे सुनेंरोकेंयूग्लीना(Euglena) एक एककोशिकीय प्रोटोजोआ संघ का प्राणी है। इसे जंतुओं और पादपों के बीच की योजक कड़ी कहते हैं । इनमें हरितलवक (Chloroplast) पाया जाता है।
ओपन का कवर कौन सा प्रोटिस्टा है?
यद्धपि एककोशिकीय यूकैरियोटिक सूक्ष्म जीवों के लिए प्रोटिस्ट शब्द का प्रयोग आज भी किया जाता है।…प्रजीव
प्रजीव (प्रोटिस्ट) सामयिक शृंखला: नियोप्रोटेरोज़ोइक – हाल में | |
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जगत: | प्रोटिस्टा* हैक्ल, 1866 |
टिपिकल फाइला |
जीव जगत का सबसे बड़ा फाइलम कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंसन्धिपाद (अर्थोपोडा) प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है। पृथ्वी पर सन्धिपाद की लगभग दो तिहाई जातियाँ हैं, इसमें कीट भी सम्मिलित हैं। इनका शरीर सिर, वक्ष और उदर में बँटा रहता है।
जैव जगत का सर्वाधिक जटिल जीव कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंकवक को पादपों से अलग कर कवक जगत बनाया ये विषमपोषी होते हैं। ये यभी जीव प्रचलनी स्वपोषी तथा कोशिकाभित्ति युक्त होते हैं, ये बहुकोशिक पादप हैं इसमें ब्रायोफाइट, आवृतबीजी पादप सम्मिलित है। जीवाणुओं का अध्ययन सूक्ष्मदर्शी द्वारा किया जाता है।
मोनेरा और प्रोटिस्टा में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंमोनेरा और प्रोटिस्टा के बीच महत्वपूर्ण अंतर मोनेरा एककोशिकीय जीव की प्रोकेरियोटिक सेलुलर संरचना हैं, जबकि प्रोटिस्टा भी एककोशिकीय जीव हैं, हालांकि यूकेरियोटिक कोशिकीय संगठन के अधिकारी हैं। मोननेरन्स के पास एक सच्चे नाभिक नहीं होता है जबकि प्रोटिस्ट की अपनी नाभिक होती है, जो परमाणु झिल्ली से घिरा होता है।
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण का मापदंड क्या है? कोशिकीय संगठन, कोशिका भित्ति, केंद्रक, पोषण की रीति आदि। कोशिका भित्ति का आभाव होता है। शारीरिक संरचना एवं संगठन जटिल होता है।
नामकरण पद्धति क्या है इसके नियम लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंद्विनाम पद्धति (Binomial nomenclature) जीवों (जंतु एवं वनस्पति) के नामकरण की पद्धति है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक लिनिअस ने इसका प्रतिपादन किया। इसके अनुसार दिए गए नाम के दो अंग होते हैं, जो क्रमशः जीव के वंश (जीनस) और जाति (स्पीशीज) के द्योतक हैं। जैसे ‘एलिअम सेपा’ (प्याज)।
जीवों के नामकरण पद्धति की क्या आवश्यकता है?
इसे सुनेंरोकेंजीव विज्ञान में, द्विपद नामकरण प्रजातियों के नामकरण की एक औपचारिक प्रणाली है। कार्ल लीनियस नामक एक स्वीडिश जीव वैज्ञानिक ने सबसे पहले इस दो नामों की नामकरण प्रणाली को उपयोग करने के लिए चुना था। उन्होंने इसके लिए पहला नाम वंश (जीनस) का और दूसरा प्रजाति विशेष का विशिष्ट नाम को चुना था।