अमेरिका में आया संकट पूरे विश्व को कैसे प्रभावित किया?
इसे सुनेंरोकेंघटना में, वैश्विक संकट से पहले अत्यधिक वृद्धि दरें और वित्तीय उथल-पुथल के वर्ष में आर्थिक विफलता देखने को मिली। 1920 के दशक के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 1922 से 1929 तक स्टॉक मार्केट के मूल्यों में 7 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से 218 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
विश्व में आर्थिक मंदी कब आई थी?
इसे सुनेंरोकेंअक्तूबर, 1929 ई. न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध शेयर बाजार ‘वॉलस्ट्रीट’ में शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट के साथ एक विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का आगाज हुआ। 1933 ई. तक विश्व के राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति अत्यन्त खराब हो गई थी।
मंदी का असर भारत में क्या पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंकामकाज ठप होने के कारण मजदूरों की स्थिति खराब है तो उत्पादन यूनिटों को भी बाजार से मांग नहीं मिल पा रही. प्रायवेट क्षेत्र में तो नौकरियों का संकट बना हुआ है. ऐसे में बाजार में खरीदारी पर सीधा असर पड़ा है. लोगों ने अपने धन को खर्च से बचाकर रखा है
विश्वव्यापी आर्थिक महामंदी का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न:d) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव। उत्तर: आर्थिक मंदी से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा। 1928 से 1934 के बीच भारत का आयात और निर्यात घटकर आधा हो गया। भारत के राष्ट्रवादी नेताओं के दवाब के कारण उद्योगों को अधिक संरक्षण मिलने लगा जिससे उद्योग में अधिक निवेश हुआ।
1923 के आर्थिक संकट से जर्मनी को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी सरकार ने कौन सी योजना बनाई थी?
इसे सुनेंरोकेंजर्मनी को इस संकट से निकालने के लिए अमेरिकी सरकार ने हस्तक्षेप किया। इसके लिए अमेरिका ने डॉव्स योजना बनाई। इस योजना में जर्मनी के आर्थिक संकट को दूर करने के लिए हर्जाने की शर्तों को दोबारा तय किया गया। 5 – 923.
महान आर्थिक मंदी से आप क्या समझते है इसके क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंलोगों ने बैंकों के कर्ज पटाने बंद कर दिए जिससे बैंकिंग ढांचा चरमरा गया। कर्ज मिलने बंद हो गए, लोगों ने बैंकों में जमा पैसा निकालना शुरू कर दिया। इससे कई बैंक दिवालिया होकर बंद हो गए। 1930 की शुरुआत मे अमेरिका में पड़े सूखे की वजह से कृषि बर्बाद हो गई जिससे कृषि अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
भारत में आर्थिक मंदी कब कब आई?
इसे सुनेंरोकेंतीस वर्ष पूर्व वर्ष 1991 में शुरू किये गए उदारीकरण की नीति का वर्ष 2021 में 30 साल पूरे हो गए। वर्ष 1991 के सुधार भारत के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था जिसने अर्थव्यवस्था की प्रकृति को मौलिक तरीकों से बदल दिया। भुगतान संतुलन की गंभीर समस्या ने वर्ष 1991 में आर्थिक संकट को जन्म दिया
1929 की आर्थिक मंदी के क्या कारण थे?
इसे सुनेंरोकेंवर्ष 1929 में अमेरिका से शुरू इस आर्थिक घटना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था. इसके कारण बैंक दिवालिया हो गये थे, शेयर मार्किट धड़ाम हो गये थे जिसके कारण शेयर धारकों के करोड़ों डॉलर डूब गये थे, कंपनियों ने उत्पादन कार्य बंद कर दिया था लोग बेरोजगार हो रहे थे और कर्ज में दबे लोग आत्म हत्या कर रहे थे
कोरोना वायरस का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंकोरोनावायरस के कारण पूरे देश में लाॅकडाउन होने के कारण कई सरकारी व्यवसाय और उद्योग प्रभावित हुए हैं। घरेलू आपूर्ति और मांग प्रभावित होने के चलते आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित हुई है। वहीं जोखिम बढ़ने से घरेलू निवेश में सुधार में भी देरी होने की संभावना दिख रही है।
क्या आप वैश्वीकरण से समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं।
1930 की महामंदी के लिए कौन कौन से कारण जिम्मेदार थे टिक करिए?
आर्थिक मंदी के क्या प्रभाव पड़े?
इसे सुनेंरोकेंअंतरराष्ट्रीय व्यापार खत्म हो गया। मांग में भारी कमी हो गई और औद्योगिक विकास के पहिये जाम हो गए। लाखों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। कृषि उत्पादन में भी 60 फीसदी तक की कमी हो गई।