कक्षा कक्ष में भाषा का प्रयोग कर भाषा कैसे सीखी जाती है?
इसे सुनेंरोकेंशिक्षकों के अनुसार तो भाषा सीखने की प्रक्रिया कुछ इस तरह होती है: माता-पिता बोलते हैं मामा, पापा अथवा कोई अन्य शब्द, तो पहले बच्चे कई बार इस शब्द को सुनते हैं और फिर एक दिन बोलना शुरू करते हैं। इसी तरह वे एक-एक करके शब्द सीखते हैं और फिर शब्दों को मिलाकर वाक्य।
प्रोग्राम कैसे बनाते हैं?
प्रोग्रामिंग कैसे सीखे
- अपने Area Of Interest को निर्धारित करे
- हमेशा शुरुवात करें एक “simpler” language से
- कुछ Basic tutorials के विषय में पहले पढ़ें अलग अलग languages के
- हमेशा पहले Languages की core concepts को समझने की कोशिश करे
- जरुरत के सभी Softwares Install करे
- Focus करें एक concept एक समय में
इसे सुनेंरोकेंकक्षा में तस्वीरों का इस्तेमाल भाषा सिखाने के लिए होना चाहिए. बच्चों की बैठक व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमे हर किसी को भागीदारी का समान अवसर मिले. सबसे ख़ास बात की होल लैंग्लेज अप्रोच के साथ भाषा को उसकी संपूर्णता में बच्चों के सामने रखना चाहिए. ताकि वह भाषा का अर्थपूर्ण ढंग से आनंद उठाते हुए इसे सीख सके.
भाषा अधिगम का आधार है कैसे?
इसे सुनेंरोकेंछात्रों को अन्य विषयों का ज्ञान प्रदान करने से पूर्व शिक्षक को उस विषय में प्रयुक्त भाषा पर विचार करना आवश्यक है। भाषा का प्रयोग सरल बोधगम्य एवं स्तरानुकूल नहीं है तो किसी भी विषय के सीखने सिखाने की प्रक्रिया उचित रूप में सम्पन्न नहीं हो सकती। अतः सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का आधार भाषा को माना जाता है।
भाषा अधिगम क्या है इसकी प्रक्रिया का उल्लेख करें?
इसे सुनेंरोकेंभाषा अधिगम किसे कहते हैं? [Bhasha Adhigam kya hai] भाषा को सीखना भाषा अधिगम का अर्थ है। हम कह सकते हैं कि मनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्त करने एवं समाज एवं परिवेश के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस प्रक्रिया द्वारा अपनी भाषा क्षमता का विकास करता है, वह प्रक्रिया भाषा अधिगम कहलाती है।
भाषा के विकास में शिक्षा का क्या योगदान है?
इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रणाली के तहत सुशिक्षित बनाने हेतु प्रयासरत रहते हैं । इसीलिए भाषा का शिक्षा से घनिष्ठ संबंध है या हम यह कह सकते हैं कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं । बच्चे भाषा के माध्यम से ही हर प्रकार की शिक्षा ग्रहण करने की कोशिश करते हैं ।
भाषा की क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है।