मानव पूंजी निर्माण शिक्षा की क्या भूमिका है?

मानव पूंजी निर्माण शिक्षा की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंमानव पूंजी (मानव संसाधन) निर्माण में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा एवं कौशल किसी व्यक्ति की आय को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारक हैं। शिक्षा श्रम की गुणवत्ता में वृद्धि करती है और कुल उत्पादकता में वृद्धि करने में सहायता करती है। कुल उत्पादकता देश के विकास में योगदान देती है

भारत में पूंजी निर्माण की प्रमुख समस्या कौन कौन सी है?

भारत में मानव पूँजी निर्माण की निम्न समस्याएँ हैं :

  • (1) निर्धनता : भारत के अधिकतर लोग निर्धन है जो प्राथमिक स्तर की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने में भी असफल है।
  • (2) अनपढ़ता :
  • (3) सीमित क्षेत्रों में ज्ञान :
  • (4) स्वास्थ संबंधी सुविधाओं का अभाव :
  • (5) शिक्षा संबंधी सुविधाओं का अभाव :
  • (6) जनसंख्या में वृद्धि :

पूंजी संबंधी समस्याओं से क्या तात्पर्य?

इसे सुनेंरोकेंअल्पविकसित देशों में आर्थिक विकास कम होने का कारण संसाधनों की कमी के साथ साथ कौशल तथा ज्ञान में कमी होना भी है । इस प्रकार मानव पूंजी निर्माण में किया गया निवेश उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करके आर्थिक विकास की दर में वृद्धि कर सकता है।

पूंजी निर्माण से क्या आशय है पूंजी निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंप्रो. नर्कसे के अनुसार,” पूंजी निर्माण का अर्थ है कि समाज अपनी वर्तमान उत्पादन क्षमता को पूर्णतः उपभोग एवं तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति मे नही जुटाता है, वरन् उसके एक भाग को पूंजीगत वस्तुओं के निर्माण मे लगाता है अर्थात् औजार, उपकरण, मशीन, परिवहन सुविधाओं, संयंत्र एवं साज-सज्जा आदि के निर्माण मे लगा देता है

मानव पूंजी निर्माण में स्थानीय की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकें(ii) उत्पादक पहलू की दृष्टि से जनसंख्या पर विचार करना सकल राष्ट्रीय उत्पाद के सृजन में उनके योगदान की क्षमता पर बल देना है। (iii) जब इस विद्यमान मानव संसाधन को और अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य द्वारा विकसित किया जाता है तब हम इसे मानव पूंजी निर्माण कहते हैं। (iv) मानव को मानव पूँजी में निवेश बदलता है।

पूंजी से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंप्रो. मार्शल के शब्दों में, “प्रकृति के निःशुल्क उपहारों के अलावा वह सब संपत्ति, जिससे आय प्राप्त होती है, पूंजी कहलाती है।” प्रो. चैपमैन के शब्दों में, “पूंजी वह धन है, जो आय प्रदान करती है या इस उद्देश्य से जिसका प्रयोग होता है।”

मानव पूंजी निर्माण का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमानवीय पूंजी निर्माण का अर्थ है “ऐसे लोगों की प्राप्ति और उन की संख्या में वृद्धि जिनके पास निपुणताएं, शिक्षा और अनुभव है तथा जो देश के आर्थिक और राजनैतिक विकास के लिये महत्व रखते हैं । अत: एक रचनात्मक उत्पादक साधन के रूप में, यह व्यक्ति और उसके विकास पर निवेश से सम्बन्धित हैं ।”

भौतिक पूंजी कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंयह दो प्रकार की हो सकती है भौतिक पूंजी या मानव पूंजी। भौतिक पूंजी का तात्पर्य पूंजी से है जो प्रकृति में मूर्त है, जैसे कि धन, संयंत्र और मशीनरी, फर्नीचर और स्थिरता, भवन आदि।

5 व्यावसायिक पूंजी से आप क्या समझते हैं What do you mean by Business Capital?

इसे सुनेंरोकेंकार्यशील पूंजी मूल रूप से छोटी अवधि में किसी भी संगठन की फाइनेंशियल स्थिति बताती है और इसकी संपूर्ण क्षमता के आकलन में मदद करती है. मौज़ूदा एसेट से वर्तमान देनदारियों को घटाकर कार्यशील पूंजी प्राप्त की जाती है. यह अनुपात यह दिखाता है कि शॉर्ट टर्म के लोन के लिए कंपनी के पास पर्याप्त एसेट है या नहीं.

पूंजी निर्माण से आप क्या समझते?

इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में पूंजी निर्माण से अभिप्राय है देश की वास्तविक पूंजी की अभिवृद्धि । किसी देश का आर्थिक विकास उसके पूंजी निर्माण की गति पर निर्भर करता है, क्योंकि- (1) पूंजी निर्माण से पूंजी का फैलाव एवं गहनता सम्भव बनती है । (2) पूंजी संचय नयी तकनीक के प्रयोग को प्रोत्साहन प्रदान करता है ।

भौतिक पूंजी का क्या अर्थ है उदाहरण दीजिए?

इसे सुनेंरोकेंभौतिक पूंजी का तात्पर्य पूंजी से है जो प्रकृति में मूर्त है, जैसे कि धन, संयंत्र और मशीनरी, फर्नीचर और स्थिरता, भवन आदि।

पूंजी से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपूँजी (Capital) साधारणतया उस धनराशि को कहते हैं जिससे कोई व्यापार चलाया जाए।