भुगतान संतुलन से क्या अभिप्राय है इसके मुख्य अवयव क्या है?

भुगतान संतुलन से क्या अभिप्राय है इसके मुख्य अवयव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंbhuktan santulan arth paribhasha mahatva;भुगतान संतुलन से आशय एक देश के समस्त आयातों एवं निर्यातों व अन्य अन्य सेवाओं के मूल्यों के सम्पूर्ण विवरण से होता है। इसका विवरण तैयार करते समय दोहरी प्रविष्टि प्रणाली अपनायी जाती है, जिसमे शेष विश्व के साथ किसी देश के लेखे का विवरण होता है

भुगतान संतुलन में असंतुलन का निम्न में से कौन आर्थिक कारण है?

इसे सुनेंरोकेंभुगतान असंतुलन के कारण विकासशील देशों में अनेक विकास कार्यक्रम चलने के कारण अधिक मात्रा में पूंजीगत वस्तुओं, तकनीकी जानकारी तथा आवश्यक कच्चे माल का आयात करना पड़ता है, जबकि निर्यात में अत्यधिक वृद्धि नहीं हो पाती। इस कारण आयात का निर्यात से आधिक्य बना रहता है और भुगतान असंतुलन बना रहता है।

पूंजी घाटा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपूंजी खाता घाटा बड़ा लेनदेन पूंजी खाते को घाटे की स्थिति में बदल सकता है और सौदे के आकार के कारण पूंजी खाते का बहिर्वाह कुल प्रवाह से अधिक हो सकता है। इससे पूंजी खाते में घाटे की स्थिति पैदा होगी लेकिन इस सौदे के परिणामस्वरूप विदेशी संपत्ति पर स्वामित्व रखने वाली एक भारतीय इकाई होगी

भुगतान संतुलन क्या है इसकी विशेषताएं बताइए?

इसे सुनेंरोकेंभुगतान संतुलन (बैलेंस ऑफ पेमेंट) को एक निश्चित अवधि के भीतर किसी देश के निवासियों तथा अन्य देशों के बीच किए गए सभी मौद्रिक लेनदेन के रिकॉर्ड के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। सरल शब्दों में कहा जाये, तो भुगतान संतुलन किसी देश और अन्य देशों के बीच हुए वित्तीय लेन-देन का हिसाब होता है

भुगतान संतुलन की समस्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : भुगतान शेष (Balance of Payments) सामान्यतया एक वर्ष की समयावधि के दौरान किसी देश के शेष विश्व के साथ हुए सभी मौद्रिक लेन-देनों के लेखांकन का विवरण है। भुगतान शेष में असंतुलन तब होता है जब चालू खाता शेष तथा पूंजी खाता शेष का कुल जोड़ शून्य नहीं होता है, इसके स्थान पर कुल जोड़ या तो धनात्मक होगा या ऋणात्मक होगा।

भारत में प्रतिकूल भुगतान संतुलन के क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंजनसँख्या में वृद्धि प्रतिकूल भुगतान संतुलन का सबसे बड़ा कारण है। किसी देश की जनसँख्या में वृद्धि होने के कारन उनकी आवस्यकताओ में वृद्धि हो जाती है ,जिससे की देश में जो उत्पादन होता है उसका अधिकतर भाग देश के अंदर ही खपत हो जाता है। जिससे निर्यात कम हो जाता है और प्रतिकूल भुगतान संतुलन बड़ जाता है

व्यापार संतुलन एवं भुगतान संतुलन में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापार संतुलन एक ऐसा बयान है जो देश के निर्यात और शेष विश्व के साथ माल के आयात को कैप्चर करता है। बैलेंस ऑफ पेमेंट एक ऐसा बयान है जो देश के साथ शेष दुनिया के साथ किए गए सभी आर्थिक लेनदेन पर नज़र रखता है। केवल माल से संबंधित लेनदेन। वस्तुओं और सेवाओं दोनों से संबंधित लेनदेन दर्ज किए जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय भुगतान का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामान्यत: सभी देश एक दूसरे के साथ माल का आयात निर्यात करते हैं, सेवाओं का आदान प्रदान करते हैं और राशि का लेन देन भी करते हैं। विभिन्न देशों के बीच इस प्रकार के परस्परिक लेन देन के शेष को भुगतान शेष (Balance of payments) कहते हैं।

पूंजी करता द्वारा करो का भुगतान कब किया जाता है?

इसे सुनेंरोकें2. साधारण अंश- (भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 के अनुसार इन्हें समता अंश (Equity shares) कहते हैं) : पूर्वाधिकार अंशधारियों के लाभांश के भुगतान अथवा पूँजी पुनर्भुगतान के पश्चात्‌ शेष पर इस श्रेणी के अंशधारियों का अधिकार होता है।