मानक क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमापदंड; नापने का मानदंड; पैमाना; कसौटी; (स्टैंडर्ड) 2. प्रतिमान; उच्चता स्तर; गुणवत्ता का आधार या स्तर। [वि.] गुणवत्ता की दृष्टि से उत्तम या श्रेष्ठ; प्रामाणिक।

मानक शब्द का क्या अर्थ है मानक भाषा के लक्षण लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंमानक भाषा किसी भाषा के उस रूप को कहते हैं, जो उस भाषा के पूरे क्षेत्र में शुद्ध माना जाता है तथा जिसे उस प्रदेश का शिक्षित और शिष्ट समाज अपनी भाषा का आदर्श रूप मानता है और प्रायः सभी औपचारिक स्थितियों में, लेखन में, प्रशासन और शिक्षा के माध्यम के रूप में यथासाध्य उसी का प्रयोग करता है। वह व्याकरण सम्मत होती है

भाषा का मानक रूप क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंमानक भाषा (standard language) किसी भाषा की वह भाषा प्रयुक्ति या भाषिका होती है जो किसी समुदाय, राज्य या राष्ट्र में सम्पर्क भाषा का दर्जा रखे और लोक-संवाद में प्रयोग हो। अरबी, अंग्रेज़ी, फ़ारसी, जर्मन और फ़्रान्सीसी जैसी भाषाएँ बहुकेन्द्रीय हैं, यानि उनके एक से अधिक मानक रूप हैं।

मानक कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमनोवैज्ञानिक परीक्षण में व्यक्ति के प्राप्तांकों की व्याख्या करने के लिए मुख्य रूप से चार प्रकार के मानकों का प्रयोग किया जाता है- 1. आयु मानक 2. कक्षा मानक 3. शंताशीय मानक 4

परिनिष्ठित का अर्थ क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकार्य जो पूरा या सम्पन्न किया जा चुका हो। जो किसी काम में पूरी तरह से कुशल या दक्ष हो।

मानक हिन्दी की आवश्यकता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी भी क्षेत्र प्रदेश में शिक्षा, तकनीकी, कानून, औपचारिक स्थितियों, लेखन, प्रशासन, संबंधी गतिविधियों तथा शिष्ट समाज में प्रयुक्त करने हेतु मानक भाषा का महत्वपूर्ण स्थान हैं। यह न केवल सुसंस्कृत व साधुभाषा है बल्कि हमारी संप्रेषण क्षमता को भी बढ़ाती है।

मानक रूप में हिंदी का कौन सा रूप प्रचलित है?

इसे सुनेंरोकेंमानक हिन्दी हिन्दी का मानक स्वरूप है जिसका शिक्षा, कार्यालयीन कार्यों आदि में प्रयोग किया जाता है। हिन्दी में ‘मानक भाषा’ के अर्थ में पहले ‘साधु भाषा’, ‘टकसाली भाषा’, ‘शुद्ध भाषा’, ‘आदर्श भाषा’ तथा ‘परिनिष्ठित भाषा’ आदि का प्रयोग होता था। वह जो कड़ा होकर, स्पष्टतः औरों से अलग प्रतिमान का काम करे।

भाषा के अंतर्गत क्या आता है?

इसे सुनेंरोकेंएक भाषा के अंतर्गत पढ़ना-लिखना-बोलना सभी क्रियायें आती हैं। कोई बोली जब लिपि का रूप धारण कर लेती है, तो वह मानक भाषा बन जाती है, और लिखने-पढ़ने के रूप में काम आती है। केवल बोलने के लिये रूप में उपयुक्त होने वाली बोली को बोली कहा जाता है। इसलिये एक मानक भाषा के अन्तर्गत बोलना-लिखना-पढ़ना तीनों क्रियायें आती हैं

हिंदी का मूल आधार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानक हिंदी का मूल आधार ‘खड़ी बोली’ है। हिंदी की विभिन्न शैलियों एवं बोलियों में से एक ‘खड़ी बोली’ ने मानक हिंदी की ओर अग्रसर होने के क्रम में शब्दावली के स्तर पर विभिन्न स्रोतों का सहारा लिया है। इन सभी स्रोतों में सबसे प्रमुख संस्कृत के स्रोत हैं जहाँ से व्यापक स्तर पर तत्सम शब्दों को ग्रहण किया गया है।

भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान कौन करवाता है?

इसे सुनेंरोकेंव्याकरण वह शास्त्र है जिसके द्वारा किसी भी भाषा के शब्दों और वाक्यों के शुद्ध स्वरूपों एवं शुद्ध प्रयोगों का विशद ज्ञान कराया जाता है