दिशा दी विकार क्या है?

दिशा दी विकार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंद्रिध्रुवी विकार एक गंभीर प्रकार का मानसिक रोग है जो एक प्रकार का मनोदशा विकार है। इस रोग से ग्रसित रोगी की मनोदशा बारी-बारी से दो विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। एक मनोदशा को सनक या उन्माद और दूसरी मनोदशा को अवसाद कहते हैं।

मानसिक आघात क्या है?

इसे सुनेंरोकेंट्रॉमा यानी आघात, किसी एक घटना या लगातार होने वाली घटनाओं से हुए बुरे अनुभवों से हो सकता है. इसका असर मानसिक या शारीरिक दोनों रूप में पड़ सकता है और यह लंबे समय तक असर कर जीवन के लिए घातक भी हो सकता है, जिससे व्यक्ति के काम करने की क्षमता पर असर पड़े और वह मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक या आध्यात्मिक रूप से प्रभावित हो.

कितने मानसिक विकार के प्रकार?

मनोविकारों के प्रकार

  • बाल्यावस्था के विकार
  • व्यग्रता विकार
  • मनोदशा विकार
  • मनोदैहिक और दैहिकरूप विकार
  • विघटनशील विकार
  • मनोविदलन और मनस्तापी (Psychotic) विकार
  • व्यक्तित्व मनोविकार
  • जैविक कारण

भावनात्मक विकार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभावनात्मक विकृति रेंज, तीव्रता, लायबिलिटी, और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं की उपयुक्तता को संशोधित करने में असमर्थता है। कुछ के लिए, यह भावनात्मक संवेदनशीलता और तीव्र भावनाओं का अनुभव करने की प्रवृत्ति द्वारा विशेषता है।

20 आदि विकार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअयथार्थ या अधिक चिंता इस विकार का मुख्य लक्षण है। आशंका, चक्कर आना, पसीना आना, कंपन, खिंचाव, एकाग्रता में कठिनाई आदि इस विकार के अनेक लक्षण हैं।

पर अभिघातज तनाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअभिघातज के बाद का तनाव विकार एक दर्दनाक या तनावपूर्ण घटना के संपर्क में आने के बाद एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक संकट की विशेषता है।

मनोविदलता के क्या कारण है वर्णन करें?

इसे सुनेंरोकेंअत्यधिक तनाव, सामाजिक दबाव तथा परेशानियाँ भी बीमारी को बनाये रखने या ठीक न होने देने का कारण बन सकती हैं। मस्तिष्क में रासायनिक बदलाव या कभी-कभी मस्तिष्क की कोई चोट भी इस बीमारी की वजह बन सकती है। शुरूआत में रोगी व्यक्ति लोगों से कटा-कटा रहने लगता है तथा काम में मन नहीं लगा पाता।

साइकोलॉजी बीमारी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानसिक रोग एक तरह विकार है जो मस्तिष्क से जुड़ा होता हैं। यह विकार व्यक्ति के व्यवहार, सोचने व समझने की शक्ति को प्रभावित कर देते हैं। मानसिक रोग में अक्सर व्यक्ति में चिंता, तनाव, किसी वस्तु की अधिक लत या पागलपन हो जाना आदि हो जाता हैं