क्या सभी डाक टिकट सामान है?
इनके संग्रह को ‘डाक टिकट संग्रह’ या ‘फ़िलेटली’ कहा जाता है।…
डाक टिकट | |
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विवरण | ‘डाक टिकट’ छोटा आयताकार काग़ज़ का टुकड़ा होता है, जो लिफाफे आदि पर चिपकाया जाता है। इससे डाक सेवा शुल्क के भुगतान का पता चलता है। |
डाक टिकट जारी करना क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकोई भी डाक-टिकट किसी व्यक्ति के निधन के दस वर्ष से पहले जारी नहीं किया जाएगा। किसी राष्ट्र ध्याक्ष के सम्मान में स्मारक डाक-टिकट उनकी प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर जारी किया जाएगा। किसी संस्थान, भवन, स्मारक आदि पर डाक-टिकट, उसकी स्थापना की स्वर्ण/ 125वीं/150वीं आदि जयंती के अवसर पर जारी किया जाएगा।
डाक टिकट का प्रयोग देश की प्रगति को दर्शन ने के लि ए कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंस्वातंत्रता प्राप्ति के बाद प्रारंभ में डाक-टिकटों का प्रयोग विज्ञान एवं प्रौ़द्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति के साथ-साथ पंचवर्षीय योजनाओं, इस्पात संयंत्रों, बांधों आदि जैसे विषयों को आधार बनाते हुए देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रतिबिंबित करने के लिए किया ग्या।
किसी चिट्ठी पर पता लिखने के साथ डाक टिकट लगाना जरूरी क्यों है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर 1 चिट्ठी पर डाक टिकट इसलिए लगाया जाता है ताकि डाक विभाग को चिट्ठी एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने का व्यय प्राप्त हो सके। डाक टिकट से यह भी पता चलता है कि यह किस देश की है।
पिकासों की कौन सी पेण्टिंग भारतीय डाक टिकट?
इसे सुनेंरोकेंपिकासो ने ‘मेरी थ्रीज’ पेंटिंग को 1932 में बनाया था और करीब 90 सालों के बाद पिकासो की पेंटिंग ने एक बार फिर से रिकॉर्ड बनाया है। इस पेंटिंग की बोली 90 मिलियन डॉलर लगी है लेकिन टैक्स और बाकी फीस लगाकर इसकी बोली 103.4 मिलियन डॉलर यानि 700 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई।
डाक का विज्ञान क्या है?
इसे सुनेंरोकेंडाक टिकट अध्ययन या फिलाटली (Philately) डाक टिकटों के अध्ययन से सम्बन्धित क्षेत्र है। यह डाक टिकट संग्रह से भिन्न है क्योंकि सामान्यत: डाक-टिकट संग्रह में इसका अध्ययन नहीं किया जाता। टिकटों का संग्रह किये बिना भी उनका अध्ययन सम्भव है।
डाक टिकट कितने प्रकार का होता है?
इसे सुनेंरोकेंकलेक्टकर्स पैक, वर्षवार। लघुकृत/स्मारिका शीट जो कभी-कभी जारी की जाती है। स्मारक डाक-टिकट। 1947 से अब तक भारत के डाक टिकटों की सूची।
डाक विज्ञान को क्या कहते हैं?
भारत में पहला डाकघर कहाँ खोला गया था?
इसे सुनेंरोकेंकोलकाता में बना पहला डाकघर आंकड़ों के तहत भारत में सबसे पहला डाकघर कोलकाता में स्थापित किया गया था। अंग्रेजों ने कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी के मुख्यालय की स्थापना की थी और उनके सभी संचार कार्य यहीं से संचालित होते थे।