खनन को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है?

खनन को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है?

इसे सुनेंरोकेंप्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेवाई) की गाइडलाइन के तहत यह स्पष्ट तौर पर परिभाषित किया गया है कि खनन प्रभावित कौन हैं। इनमें प्राथमिक तौर पर वह व्यक्ति शामिल हैं जो खनन के चलते अपने जमीन का कानूनी, पेशेवर व जमीन के उपयोग का अधिकार, आजीविका या जंगल आधारित आजिविका और पारंपरिक अधिकार खो देते हैं।

इसे सुनेंरोकेंAnswer. खनिजों के खनन को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं, जिनमें भौतिक कारक आर्थिक कारण तथा अन्य गतिविधियां प्रमुख हैं। भौतिक कारकों में वनस्पतियों का ह्रास, भूमि क्षरण, भू-अवतलन, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि प्रमुख कारक हैं।

उत्खनन से किस प्रकार के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव हो सकते हैं उनका क्या निदान है?

इसे सुनेंरोकेंनदियों व तालाबों से खनन करके लाई गई रेत या बालू का परिवहन खुले वाहनों में किया जाता है। जो हवा के साथ उड़कर पर्यावरण को दूषित करती है। रेत के सूक्ष्म कण हवा में फैलने से वह संास लेने पर हमारे शरीर के अंदर चले जाते है जो हमारे फेफड़ों में एकत्र हो जाता है। इससे हमारे शरीर में नई-नई बीमारियां होने लगती हैं।

खनन से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पृथ्वी के गर्भ से धातुओं, अयस्कों, औद्योगिक तथा अन्य उपयोगी खनिजों को बाहर निकालना खनिकर्म या खनन (mining) हैं। इसको खनन इंजीनियरी कहते हैं। संसार के अनेक देशों में, जिनमें भारत भी एक है, खनिकर्म बहुत प्राचीन समय से ही प्रचलित है।

खनन की विधियां क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस चरण में खनिज जमा की प्रकृति और आकार का आकलन करने के लिए आवश्यक किसी भी ड्रिलिंग, ड्रेजिंग या खुदाई को शामिल किया जा सकता है। उत्पादन : इस चरण का उद्देश्य खनिज संसाधन को सक्रिय रूप से निकालना और संसाधित करना है। स्थलीय वातावरण में खनिजों को भूमिगत या खुले कलाकारों के तरीकों का उपयोग करके खनन किया जा सकता है।

खनन खनन से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंखुदाई करके अयस्क निकलने वाले स्थान को खादान या खान(mine) कहा जाता है। यदि धरातल पर ऊपर-ऊपर से खुदाई की जाए तो उसे उत्खनन (quarrying) कहते है और यदि भू-गर्भ से खनिज प्राप्त किए जाएं तो उस कार्य को खनन (mining )कहते है।