आपके विचार से आजकल किसानों की क्या समस्याएं ै?
इसे सुनेंरोकेंदेश में कृषि भूमि के मालिकाना हक को लेकर विवाद सबसे बड़ा है। असमान भूमि वितरण के खिलाफ किसान कई बार आवाज उठाते रहे हैं। जमीनों का एक बड़ा हिस्सा बड़े किसानों, महाजनों और साहूकारों के पास है जिस पर छोटे किसान काम करते हैं। ऐसे में अगर फसल अच्छी नहीं होती तो छोटे किसान कर्ज में डूब जाते हैं।
भारत में किसान आत्महत्या ना करें आप सरकार को क्या सुझाव दे सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआत्महत्या करने वाले केवल छोटी जोत वाले किसान नहीं थे बल्कि मध्यम और बड़े जोतों वाले किसानों भी थे। राज्य सरकार ने इस समस्या पर विचार करने के लिए कई जाँच समितियाँ बनाईं। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य सरकार द्वारा विदर्भ के किसानों पर व्यय करने के लिए ११० अरब रूपए के अनुदान की घोषणा की।
किसान विरोध क्यों?
इसे सुनेंरोकेंपहला है ”कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020”. इसमें सरकार कह रही है कि वह किसानों की उपज को बेचने के लिए विकल्प को बढ़ाना चाहती है. किसान इस कानून के जरिये अब एपीएमसी मंडियों के बाहर भी अपनी उपज को ऊंचे दामों पर बेच पाएंगे.
कृषि की समस्याएं क्या क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपिछले तीन दशकों से भारत में कृषि व्यवस्था सबसे अधिक संकट ग्रस्त स्थिति से गुजर रही है. लगातार 1 986-87 और 1987-88 के सूखे के दौरान कम बारिश के कारण भारत को इस तरह का संकट झेलना पड़ा एवं 2014 में भारत को खराब मानसून का सामना करना पड़ा जिसने कृषि के संकट को और भी बढ़ा दिया था.
कृषि वितरण की समस्याएं क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारत में कृषि भूमि का वितरण असमान है खेतों के छोटे आकार व विक्रय होने के कारण आधुनिक विधि से कृषि करना एक समस्या मूलक है। स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार तथा चकबंदी कार्यक्रम चलाने जाने के बाद भी 1% धनी किसानों जमीदारों के पास कुल भूमि का 20% है। भारतीय कृषि विशेषकर खरीफ फसलें मानसूनी वर्षा पर निर्भर है।
न्यूनतम समर्थन कीमत क्या है?
इसे सुनेंरोकेंन्यूनतम सर्मथन मूल्य यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या एमएसपी किसानों की फसल की सरकार द्वारा तय कीमत होती है. एमएसपी के आधार पर ही सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है. राशन सिस्टम के तहत जरूरतमंद लोगों को अनाज मुहैया कराने के लिए इस एमएसपी पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है.