जेट धारा से आप क्या समझते हैं?

जेट धारा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंक्षोभमंडल की ऊपरी सीमा तथा समतापमंडल की निचली सीमा में तेजी से विसर्पण करने वाले वायु जो सामान्यतः पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है, जेट स्ट्रीम कहलाती है। वायुमंडल की ऊपरी भाग में बनने वाले निम्न वायुदाब के चारों ओर हवाएँ भँवर के रूप में प्रवाहित होने लगती है और जेट स्ट्रीम का निर्माण करती हैं।

जेट धारा क्या है तथा वह किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती है?

इसे सुनेंरोकेंएक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाएँ में हवाएँ जेट धाराएँ कहलाती है। इनकी गति गर्मी में 110 किमी./ घंटा एवं सर्दी में 184 किमी./ घंटा तक होती है। (i) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी प्रवाह को लाने में मदद करती हैं।

जेट स्ट्रीम का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकें(i) जेट-प्रवाह (Jet Streams): क्षोभमंडल की ऊपरी परत में बहुत तीव्र गति से चलने वाले संकरे, नलिकाकार और विसर्पी पवन प्रवाह को जेट- प्रवाह कहते हैं. यह 6 से 12 किमी की ऊंचाई पर पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होता है. यह दोनों गोलार्द्धों में पाया जाता है

जेट धाराओं की गति कब तेज होती है?

इसे सुनेंरोकेंग्रीष्म ऋतु में जेट प्रवाह की गति लगभग 110 किमी. प्रति घंटा होती है जो शीत ऋतु में बढ़कर 190 किमी. प्रति घंटा हो जाती है।

दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्पत्ति का क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंइस अत्यधिक गर्मी के परिणामस्वरूप भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों में निम्न वायुदाब के क्षेत्र उत्पन्न हो जाते हैं तथा पवनें हल्की होकर ऊपर उठ जाती हैं, फलस्वरूप इस भाग में पवनों का दबाव अत्यन्त कम हो जाता है। इस प्रकार विपरीत वायुदाबों की उत्पत्ति ही दक्षिण-पश्चिमी मानसून की उत्पत्ति का प्रमुख कारण है

जेट धारा की गति ग्रीष्म ऋतु में कितनी होती है?

इसे सुनेंरोकें(ख) जेट धाराएँ: क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊँचाई पर एक संकरी पट्टी में स्थित हवाएँ होती हैं। इनकी गति गर्मी में 110 कि. मी. प्रति घंटा एवं सर्दी में 184 कि

क्या जेट धाराएं हैं और कैसे वे जलवायु को प्रभावित?

इसे सुनेंरोकेंजब जेट स्ट्रीम पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है तो अक्सर उत्तर की ओर उभार और दक्षिणी मैदानों के साथ विकृत हो जाती है। यह धारा चक्रवातो , प्रतिचक्रवातों, तुफानों, वायुमण्डलीय विक्षोभों और वर्षा उत्पन करने में सहायक होती हैं। यानि ये हवायें धरातलीय मौसम को प्रभावित करती हैं

7 जेट िाराएँक्या हैंऔर ये भारत की जलवायुको कैसे प्रभाववत करती हैं?

इसे सुनेंरोकें(i) दिन गर्म और राते ठंडी होती है। (ii) शीत ऋतु नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है। (iii) सहित ऋतू में तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है। (iv) भारत में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रभावित होती है इनके कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है।

जेट स्ट्रीम को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजेट स्ट्रीम या जेटधाराएँ ऊपरी वायुमंडल में और विशेषकर समतापमंडल में तेज़ गति से प्रवाहित/बहने वाली हवाएँ हैं. इनके प्रवाह की दिशा जलधाराओं की तरह ही निश्चित होती है, इसलिए इसे जेट स्ट्रीम का नाम दिया गया है. जेट स्ट्रीम धरातल से ऊपर यानी 6 से 14 km की ऊँचाई पर लहरदार रूप में चलने वाली एक वायुधारा है

भारतीय मानसून क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानसून या पावस, मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है।

भारत में कितनी वर्षा दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है?

इसे सुनेंरोकें1 जून से 15 सितंबर तक पूरे पश्चिमी तट में 250 सी0मी0 वर्षा होती है। भारत में दक्षिण-पश्चिमी मानसून द्वारा होने वाली वर्षा स्थलाकृति (ऊंचे पहाडों) द्वारा निर्धारित होती है। जब पवनें पहाड़ी से टकराकर ऊपर उठती है तब इन पवनों के तापमान में कमी आती है जिसे एडियाबेटिक ताप ह्रास कहा जाता है।

मानसून की उत्पत्ति का प्रमुख कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानसून की उत्पत्ति के सम्बन्ध में गतिक संकल्पना का प्रतिपादन फ्लॉन महोदय ने किया। उनके अनुसार मानसून पवनों की उत्पत्ति वायुदाब एवं पवन पेटियों के स्थानान्तरण के कारण होती है। विषुवत् रेखा के समीप व्यापारिक पवनों के मिलने से अभिसरण उत्पन्न होता हैए जिसे अन्तर उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र कहते हैं