अभ्यास पाठ क्या है इसकी रूपरेखा की चर्चा करें?
इसे सुनेंरोकेंकिसी पाठ्य वस्तु के दैनिक शिक्षकों सफलता एवं प्रभावी रूप प्रदान करने हेतु पाठ योजना सहायक है। इससे विषय वस्तु का आधार बालक केंद्रित तथा व्यवस्थित होता है एवं प्रभावशाली शिक्षण का संगम होता है। इसकी माध्यम से शिक्षक शैक्षिक लक्ष्य तथा प्रक्रियाओं का नियमन संपूर्ण लक्ष्यों तथा क्रियाओं के रूप में तैयार करता है
पाठ योजना का निर्माण कैसे करें?
एक उत्तम पाठ योजना कैसे बनाएं: सीखने और सिखाने की प्रक्रिया
- उद्देश्यों को रेखांकित करें
- आरंभ का विकास करें
- मूल बात का स्पष्टीकरण देना
- बच्चे जो सीखें उसे प्रयोग में लाएं
- समीक्षा
- निष्कर्ष और पूर्वावलोकन का विकास करें
- प्लान बी तैयार रखें
व्याख्यान विधि क्या है?
इसे सुनेंरोकेंव्याख्यान विधि शिक्षण में अपना अद्वितीय स्थान रखती है। इस विधि द्वारा शिक्षक गहन एवं सूक्ष्म विषय-वस्तु को सरल तथा सुबोध बना सकता है। शिक्षक इसके प्रयोग में व्याख्यान के साथ-साथ स्वयं प्रश्नों द्वारा पाठ का विकास करता चलता है तथा छात्रों को भी प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करके विषय-वस्तु की विवेचना करता है।
दैनिक पाठ योजना का नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंEducation Planning Unit (शिक्षण की योजना, इकाई व दैनिक पाठ योजना) रमन बिहारी लाल के अनुसार- ” किसी 1 घंटे के लिए निश्चित अंश को प्रारंभ करने के पहले हम उनके लिए निश्चित पाठ्य वस्तु का विश्लेषण कर उसके शिक्षण के लिए एक योजना बनाते हैं इसी को दैनिक पाठ योजना कहते हैं।”
पाठ योजना का प्रथम सोपान क्या?
इसे सुनेंरोकेंखोज (Explanation)- इस प्रथम पद में शिक्षक को कक्षा के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। शिक्षक का कक्षा के विद्यार्थियों के बीच पाये जाने वाले अन्तरों के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। साथ ही साथ उसे छात्रों की आवश्यकताओं, रुचियों आदि का भी ज्ञान होना चाहिए।
पाठ योजना का प्रथम स्वपन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंलेखन प्रथम बिंदु के अनुसार सामान्य उद्देश्य को तय होता है. विषयानुसार (जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, आदि विषयों) पाठ योजना में सामान्य उद्देश्य अलग-अलग होते हैं। इसका मतलब यह है कि पाठ योजना में सामान्य उद्देश्य विषय का होता है.
व्याख्यान विधि को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंव्याख्यान का तात्पर्य पाठ को भाषण के रूप में पढ़ाने से है। इसमें शिक्षक अपने मुख से बात कहकर पढ़ाता है। बाइनिंग व बाइनिंग इसको कथन विधि (Telling Method) के नाम से पुकारते हैं।