भ्रष्टाचार से क्या तात्पर्य है?

भ्रष्टाचार से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंप्रस्तावना : भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट+आचार। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो। जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरूद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है।

भ्रष्टाचार क्यों पनपता है?

इसे सुनेंरोकेंभ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट + आचार। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो। किसी को निर्णय लेने का अधिकार मिलता है तो वह एक या दूसरे पक्ष में निर्णय ले सकता है। किसी निर्णय को जब कोई शासकीय अधिकारी धन पर अथवा अन्य किसी लालच के कारण करता है तो वह भ्रष्टाचार कहलाता है।

भ्रष्टाचार क्या है इसके कारण परिणामों की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंभ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं।

भ्रष्टाचार कैसे फैलता है?

इसे सुनेंरोकेंअतः इससे ये स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार का पहला श्रोत उसका परिवार होता है जहां रहकर बालक नैतिक ज्ञान के अभाव मे उचित और अनुचित के बीच का भेद समझने में तथा नैतिकता के प्रति मानसिक रूप से सबल होने मे असमर्थ हो जाता है !…..

भ्रष्टाचार कितने प्रकार का होता है?

विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार

  • सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र में राजनैतिक भ्रष्टाचार पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार न्यायिक भ्रष्टाचार
  • शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार
  • श्रमिक संघों का भ्रष्टाचार
  • धर्म में भ्रष्टाचार
  • दर्शन में भ्रष्टाचार
  • उद्योग जगत का भ्रष्टाचार (Corporate corruption)

भारत में भ्रष्टाचार को कैसे रोका जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंअतः देश में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु लोकपाल कानून बनाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैला कर, प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बना और लोगों का सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रति मानसिकता में परिवर्तन कर व सही उम्मीदवार को चुनाव जिता कर भ्रष्टाचार रोका जा सकता है

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 करीब तीन दशक पुराना है। पारित होने के बाद इसे भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक-2018 कहा गया। संशोधित विधेयक में रिश्वत देने वाले को भी इसके दायरे लाया गया है। इसमें भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और ईमानदार कर्मचारियों को संरक्षण देने का प्रावधान है।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए कौन सा कानून है?

इसे सुनेंरोकेंभ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988 (No. 49 of 1988)) भारतीय संसद द्वारा पारित केंद्रीय कानून है जो सरकारी तंत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकेन्द्रीय सतर्कता आयोग तथा सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों तथा बैंकों के सतर्कता एककों को भ्रष्टाचार के विरूद्ध इस संघर्ष में एक केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करना होगा | सतर्कता जागरूकता सप्ताह इस मिशन में स्वयं को पुन: समर्पित करने का तथा प्रणाली सुधारों तथा निवारक सतर्कता जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में …