ज्ञान क्या है विद्यालय में ज्ञान के निर्धारकों की विवेचना करें?
इसे सुनेंरोकेंवह ज्ञान जिससे की व्यक्ति को व्यावसायिक आधार प्राप्त हो सके। ज्ञान प्राप्त करने के लिए तर्क संगत साधनों का नियोजन एवं अधिग्रहण करना है। कार्य एवं कारण का आधार ही विज्ञान है ये दोनों तत्व एक दूसरे के पर्यायी है, हम इन्हें अलग नहीं कर सकते हैं। इन दोनों के मध्य कोई अंतर नहीं किया जा सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण कौन होता है?
इसे सुनेंरोकेंबालक – शिक्षा की सर्वोतम तथा सबसे महत्वपूर्ण सामग्री बालक है। प्रत्येक बालक की कुछ जन्मजात शक्तियाँ होती है। उसका शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक तथा सामाजिक विकास एन जन्मजात शक्तियों को ही ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है।
शिक्षा का प्रमुख अंग कौन होता है?
इसे सुनेंरोकेंशिक्षा का मुख्य अंग -शिक्षक
ऐडम्स के अनुसार शिक्षा क्या है?
इसे सुनेंरोकेंEducere :- एडुसीयर शब्द का अर्थ होता है ‘बाहर की ओर अग्रसित करना’। अर्थात शिक्षा वह है जो बालक के अन्दर निहित तत्वों को बाहर की ओर अग्रसित करती है।
उच्च शिक्षा का माध्यम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयह शिक्षा के उस स्तर का नाम है जो विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक विश्वविद्यालयों, कम्युनिटी महाविद्यालयों, लिबरल आर्ट कालेजों एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों आदि के द्वारा दी जाती है। प्राथमिक एवं माध्यमिक के बाद यह शिक्षा का तृतीय स्तर है जो प्राय: ऐच्छिक (non-compulsory) होता है।
इसे सुनेंरोकेंविद्यालयीन ज्ञान ऐसा हो जो शिक्षार्थियों को ऐसे अनुभव उपलब्ध करवाए जो उसमें क्रमशः विवेक की क्षमता बढ़ाते हुये उसके ज्ञान के आधार को पुष्ट करें और दूसरों के प्रति संवेदनशील बनाए, उन्हें काम करने और आर्थिक प्रक्रियाओं में भागीदारी करने दे |ज्ञान एवं समझ पाठ्यचर्या चुनावों और विषयवस्तु के प्रस्तावों के लिए आवश्यक …
ज्ञानानुशासन से आप क्या समझते है?
इसे सुनेंरोकेंज्ञानानुशासन को “आचरण के नियमों या व्यवहार की विधि की एक व्यवस्था” के रूप में भी परिभाषित किया गया है। जॉन वाल्टन (1963) का मत है कि ज्ञानानुशासन संकल्पनाओं, तथ्यों और सिद्धान्तों की एक विशिष्ट व्यवस्था से युक्त विषयवस्तु का एक निकाय है जिसे पढ़ाया जा सकता है।
ज्ञान क्या है ज्ञान के विभिन्न रूपों की व्याख्या कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंज्ञान का अर्थ (Gyan Meaning in Hindi) ज्ञान शब्द “ज्ञ” धातु से बना है। जिसका अर्थ जानना, बोध और अनुभव आदि होता है। यानी किसी भी वस्तु (जो हमारे आसपास है) के स्वरूप का अर्थात जैसा वह है, उसे वैसे ही जानना, अनुभव और बोध होना उस वस्तु का ज्ञान कहलाता है। आसान भाषा में कहे तो किसी वस्तु की सही जानकारी होना ज्ञान है।