यात्रा वृतांत के लिए प्रचलित अन्य शब्द कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंयात्रावृत्तान्त (travelogue) किसी स्थान में बाहर से आये व्यक्ति या व्यक्तियों के अनुभवों के बारे में लिखे वृतान्त को कहते हैं। इसका प्रयोग पाठक मनोरंजन के लिए या फिर उसी स्थान में स्वयं यात्रा के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं।
यात्रा वृतांत विधा की विशेषताएं क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयह यात्रा मानव आदि – अनादि काल से करता आ रहा है। किंतु साहित्य में यह कला नवीन है जो ‘ निबंध शैली ‘ का एक नया रूप है जिसे ” यात्रा वृतांत ” कहते हैं। इस साहित्य विधा के पीछे का उद्देश्य लेखक के रमणीय अनुभवों को हु – बहू पाठक तक प्रेषित करना है। जिसके माध्यम से पाठक उस अनुभव को आत्मसात कर सके उसे अनुभव कर सके।
यात्री मित्र किसका यात्रा वृतांत है?
इसे सुनेंरोकेंइसके रचनाकार या लेखक “भारतेन्दु हरिश्चन्द्र” हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की क्रिया यात्रा कहलाती है और जिस रचना में इस यात्रा का वर्णन किया जाता है उसे यात्रा वृत्त कहते हैं।
यात्रा कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंयात्रा पैदल, बाइसिकल, वाहन, विमान, नाव, बस, जलयान या अन्य साधन से, सामान के साथ या उसके बिना, करी जा सकती है। यात्रा के विभिन्न चरणों के बीच अलग-अलग स्थानों पर कुछ समय के लिए ठहरा भी जा सकता है। कुछ यात्राएँ एक ही दिशा में होती हैं जबकि अन्य में वापस प्रारम्भिक स्थान पर लौटा जाता है।
यात्रा के साधन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमैदानी इलाकों में पैदल, घोड़े की पीठ पर अथवा बैलगाड़ी में यात्रा की जा सकती थी । लेकिन रेगिस्तानो में केवल ऊँट ही यात्रा का साधन है ।
मेरी लद्दाख यात्रा मेरी तिब्बत यात्रा जैसे यात्रा साहित्य के रचयिता कौन है?
इसे सुनेंरोकेंराहुल सांकृत्यायन (9 अप्रैल 1893 – 14 अप्रैल 1963) जिन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है हिंदी के एक प्रमुख साहित्यकार थे।
यात्रा वृतांत किसकी रचना है?
रिपोर्ताज विधा क्या है?
इसे सुनेंरोकेंरिपोर्ताज गद्य-लेखन की एक विधा है। रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं। वास्तव में रेखाचित्र की शैली में प्रभावोत्पादक ढंग से लिखे जाने में ही रिपोर्ताज की सार्थकता है। आँखों देखी और कानों सुनी घटनाओं पर भी रिपोर्ताज लिखा जा सकता है।