डरा धमकाकर क्या किसी को सही मार्ग पर लाया जा सकता है मेरे संग की औरतें पाठ के आधार पर बताइए?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखिका के अनुसार एक बार उनके घर में चोर घुस आया था। उस पर चोर की ही बदकिस्मती थी कि वह लेखिका की दादी माँ के कमरे में घुस गया। उनकी दादी माँ ने यह जानते हुए भी कि वह चोर है उसको न डराया न धमकाया बल्कि सहजता पूर्वक उसे सुधार दिया।
भगवान कौन था उसकी मृत्यु कैसे हुई class 9?
इसे सुनेंरोकेंखेत की गीली मेड़ की तरावट में एक साँप विश्राम कर रहा था। भगवाना उसे देख न पाया और उसका पैर साँप पर पड़ गया। साँप ने उसे डॅस लिया। साँप का जहर उतारने के लिए ओझा को बुलवाया गया, पर विष के असर से उसका शरीर काला पड़ता गया और उसकी मृत्यु हो गई।
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था MCQ?
इसे सुनेंरोकेंभगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था? (d) फेरी लगाकर कपड़ा बेचने से। लड़के की मृत्यु के दिन ही बुढ़िया खरबूजे बेचने क्यों चल दी? (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
भगवाना की आयु कितनी थी?
इसे सुनेंरोकेंbhagwana ki aayu kitni thi. a. 22.
विवाह के बाद लेखिका बिहार के कौन से पिछड़े नगर में रहीं *?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: शादी के बाद लेखिका को कर्नाटक के बागनकोट में रहना पड़ा वहाँ उसके बच्चों की शिक्षा हेतु उचित प्रबंध न था।
भगवाना कौन था उसकी मृत्यु के बाद घर की क्या स्थिति होती है?
इसे सुनेंरोकेंभगवाना के इलाज में ही घर का आटा और अनाज तक खत्म हो गया था। उसकी मृत्यु के बाद उसके लिए कफ़न के इंतजाम में छोटे-मोटे आभूषण तक बिक गए। अब उसके घर में खाने के भी लाले पड़ गए। इस तरह घर की आर्थिक स्थिति बिलकुल खराब हो गई।
पोशाक हमारे लिए बंधन कब बन जाती है MCQ?
इसे सुनेंरोकेंप्रायः पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जा निश्चित करती है। वह हमारे लिए अनेक बंद दरवाजे खोल देती है, परंतु कभी ऐसी भी स्थिति आ जाती है कि हम ज़रा नीचे झुककर समाज की निचली श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है।
अतिथि तुम कब जाओगे MCQ?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1 – लेखक किससे परेशान है? प्रश्न 2 – लेखक के घर में अतिथि को कितने दिन हो गए थे? प्रश्न 3 – लेखक अतिथि से क्या चाहता है? प्रश्न 4 – लेखक कितने दिनों से अतिथि को कलैंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है?
बुढ़िया के घर में कितने सदस्य थे?
इसे सुनेंरोकेंबुढ़िया के घर में उसकी बहू और पोते पोती रहते थे। बुढ़िया का सारा पैसा बेटे के इलाज में खर्च हो गया था। बहू को तेज बुखार था। इसलिए अपने परिवार की भूख मिटाने के लिए बुढ़िया को खरबूजे बेचने के लिए घर से बाहर निकलना पड़ा था।