आईपीसी की धारा 505 क्या है?

आईपीसी की धारा 505 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसैन्य-विद्रोह या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि परिचालित करना। सजा – तीन वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों। सजा – तीन वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों। यह अपराध गैर-जमानती, संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।

507 धारा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 507 के अनुसार, जो भी कोई अनाम संसूचना द्वारा या उस व्यक्ति का, जिसने धमकी दी हो, नाम या निवास-स्थान छिपाने का पूर्वोपाय करके आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा, तो उसे इस अपराध के लिए पूर्ववर्ती धारा 506 में उपबन्धित दण्ड के अतिरिक्त किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है …

354 धारा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 354 आईपीसी- स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग , IPC Section 354 ( IPC Section 354. Assault or criminal force to woman with intent to outrage her modesty ) यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 505 में जमानत कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंजमानत (Bail) का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 505 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।

धारा 504 506 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयदि कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को अपमानित करता है, जो कि उस व्यक्ति के साथ गालीगलौज करता है साथ में धमकी देता है,जो कि यह धमकी जान से मारने की हो, या आग से जला देने की धमकी हो, या किस संपत्ति को नष्ट करने की धमकी देता है, ऐसा करने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 504 व् धारा 506 लगती है

धारा 354A में जमानत कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंआईपीसी की धारा 354 A में जमानत लेने हेतु आपको न्यायालय के न्यायाधीश से दिन की विनती करनी होती है और यह आपके वकील द्वारा की जाती है बेल के लिए सुनवाई न्यायाधीश द्वारा की जाती है अगर न्यायधीश आपके बेल को अप्रूव या मंजूरी कर देते हैं तो फिर आपको जमानत प्राप्त हो जाती है।

506 की धारा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 506 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अनुसार, जो कोई भी आपराधिक धमकी का अपराध करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।