स्थानापन्न तथा पूरक वस्तुएं क्या है समझाइए?
इसे सुनेंरोकें(i) वस्तु की उपयोगिता- उपयोगिता का अर्थ है आवश्यकता, जो वस्तु अधिक उपयोगी होती है, उसकी मांग अधिक होगी तथा कम उपयोगिता वाली वस्तु की मांग कम होगी। पर। अतः ऐसी वस्तुएँ जिनका एक-दूसरे के बदले प्रयोग किया जाता है, स्थानापन्न वस्तुएँ कहलाती हैं। अतः ऐसी वस्तुएँ जिनका उपयोग एक साथ किया जाता है, पूरक वस्तुएँ कहलाती हैं।
पूरक वस्तु क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपूरक वस्तुएँ वे होती हैं जिनका प्रयोग किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए साथ-साथ किया जाता है। इनमें एक वस्तु की माँग तथा दूसरी वस्तु की कीमत में ऋणात्मक संबंध होता है अर्थात् एक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दूसरी वस्तु की माँग कम हो जाती है अथवा विपरीत। उदाहरण के लिए: चाय और चीनी, जूते तथा जुराबे, पेन और स्याही।
पूर्ति का नियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपूर्ति का नियम : है। ऐसा इसलिए होता है क्योंक हर विक्रेता कम चीज़ें बेचकर ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने का लक्ष्य रखता है एवं मूल्य बढ़ने पर उसे ज्यादा लाभ मिलता है। अतः बढ़ते मूल्य के साथ मात्रा भी बढती है
सामान्य तथा निम्न स्त्री वस्तुएं क्या है समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंउपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत निम्नस्तरीय वस्तुएँ ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जिनका उपभोक्ता की आय के साथ विपरीत दिशा में संबंध होता है अर्थात् उपभोक्ता की आय बढ़ने पर जिस वस्तु की माँग कम होती है अथवा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है वह निम्नस्तरीय वस्तुएँ कहलाती है।
मांग की कमी से कीमत कैसे प्रभावित होती है?
इसे सुनेंरोकेंमांग में कमी से किसी वस्तु की कीमत सीधे तौर पर प्रभावित होती है। यदि किसी वस्तु की मांग में कमी आ रही है तो इसका सीधा तत्पर्य यह है कि वस्तु की कीमत बढ़ रही है। किसी वस्तु की मांग में कमी वस्तु की कीमत में वृद्धि के कारण होती है
मांग से क्या अभिप्राय है इसके प्रकार?
इसे सुनेंरोकेंबेन्हम के शब्दों मे,” एक दिये गये मूल्य पर किसी भी वस्तु की मांग वस्तु की वह मात्रा है जो उस कीमत पर समय की हर इकाई मे खरीदी जाएगी। मांग का एक विशेष अर्थ है। सिर्फ किसी वस्तु को खरीदने की इच्छा को ही मांग नही कहा जाता। संक्षेप मे मांग तब पैदा होती है जहां पर इच्छा के साथ-साथ सहमति और क्षमता भी हो
पूर्ति का नियम क्या है इसे रेखाचित्र द्वारा दर्शाए?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर- पूर्ति का नियम- पूर्ति और कीमत के सम्बन्ध को ही ‘पूर्ति का नियम’ कहते हैं। अन्य बातों के यथास्थिर रहने पर, किसी वस्तु या सेवा की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी पूर्ति में वृद्धि हो जाती है और कीमत में कमी होने पर पूर्ति में भी कमी हो जाती है। इसे ही पूर्ति का नियम कहते हैं।
पूर्ति अनुसूची से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंपूर्ति का नियम यह व्यक्त करता है कि अन्य बातें समान रहने पर वस्तु की कीमत बढ़ने पर वस्तु की पूर्ति बढ़ती है तथा वस्तु की कीमत घटने पर उसकी पूर्ति घट जाती है। इस प्रकार पूर्ति के नियम के अनुसार वस्तु की कीमत एवं उसकी पूर्ति में प्रत्यक्ष एवं धनात्मक सम्बन्ध होता है।