लोकतंत्रात्मक गणराज्य से क्या?

लोकतंत्रात्मक गणराज्य से क्या?

इसे सुनेंरोकेंभारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। गणतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली होती है जहाँ जनता राज्य के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति को चुनती है। गणतंत्र राज्य में सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाला व्यक्ति वंशानुगत नहीं होता है अपितु उसे जनता द्वारा चुना जाता है।

टाइमर गणराज्य की स्थापना कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंनवंबर १९१८ में प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् यह गणराज्य जर्मन क्रांति की देन था। सन् १९१९ ई. में वाइमर में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया जहाँ जर्मन राइख (शासन) के लिए नया संविधान लिखा गया और उसी वर्ष के ११ अगस्त को अपना लिया गया।

* विश्व के अधिकतर देशों में कौन सी शासन व्यवस्था कायम है?* 1⃣ राजतंत्र 2⃣ लोकतंत्र 3⃣ धर्मतंत्र 4⃣ कुलीन तंत्र?

इसे सुनेंरोकेंऐसे देशों के नाम हैं; स्वाज़ीलैंड (पूर्ण राजतन्त्र), ओमान (पूर्ण राजतन्त्र), दारुस्सलाम (पूर्ण राजतन्त्र), सऊदी अरब (पूर्ण धर्मतन्त्र), वेटिकन (पूर्ण धर्मतन्त्र), कतर (मिश्रित शासन), यूएई (मिश्रित शासन) और बहरीन (मिश्रित शासन)। वर्तमान में, लगभग 44 देशों में राज्य के प्रमुख के रूप में एक सम्राट है.

प्रभुत्व संपन्न संविधान से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंसम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न(सम्प्रभुता) का अर्थ भारत आन्तरिक और बाहरी रूप से निर्णय लेने के लिए स्वतन्त्रत है। क्रमशः समाजवादी, पथंनिरपेक्ष(धर्म निरपेक्ष), अखण्डता शब्दों को 42 वें सविधान संशोधन 1976 से जोड़ा गया है। समाजवादी – राज्य के सभी आर्थिक और भौतिक या अभौतिक संसाधनों पर अन्तिम रूप से राज्य का अधिकार होगा।

लोकतांत्रिक एवं प्रजातांत्रिक सरकार में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंलोकतंत्र या प्रजातंत्र जनता का शासन होता है जिसमे जनता अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन करती है जबकि गणतंत्र लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों की सरकार होती है जिसमे वे जनता द्वारा चुने हुए राष्ट्राध्यक्ष द्वारा शासन करते हैं।

विश्व के अधिकतर देशों में कौन सा शासन व्यवस्था कायम है?

इसे सुनेंरोकेंलोकतंत्र की परिभाषा “जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा, शासन ही लोकतंत्र है।” किसके द्वारा दिया गया है?

विश्व के अधिकतर देशों में कौन सी शासन व्यवस्था कामयाब है?

इसे सुनेंरोकेंकेवल 15 फीसदी देशों में पूर्णत: लोकतंत्र और 31 फीसदी देशों में एकाधिकारी शासन है। ञ्च जिन देशों में अच्छा पैसा है, वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया आसान होती है। तेल समृद्ध देशों को छोड़ दें तो 25 अमीर देशों में पूर्ण लोकतंत्र है। ञ्च 1997 से 2013 तक देशों की संसदों में महिला सांसदों की संया दुगुनी हुई है।