वैश्वीकरण के आयाम कौन कौन से हैं?

वैश्वीकरण के आयाम कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में, उपरोक्त विवरण में हमने जाना कि वैश्वीकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसके चार आयाम है; आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और प्रौद्योगिकी। इन चारों आयामों के जहां कुछ सकारात्मक प्रभाव एवं परिणाम है, वहीं इनके कुछ नकारात्मक प्रभाव एवं परिणाम भी है

वैश्वीकरण के प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविकसित देशों में वैश्वीकरण का प्रभाव शक्तिशाली शक्ति है जो दुनिया को एक परिवर्तित समानता की ओर ले जाती है। इसमें सर्वहारा संचार, परिवहन और यात्रा है। हर जगह अलग-अलग जगहों के लोग प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन सभी चीजों को चाहते हैं जो उन्होंने सुनी, देखी या अनुभव की हैं

वैश्वीकरण के बुरे प्रभाव कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंजैसे-जैसे वायुमंडलीय परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ रहा है, देश में पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता, जो 2001 में 1820 घन मीटर प्रति वर्ष थी वह 2050 तक गिरकर केवल 1140 घनमीटर वार्षिक के स्तर पर पहुँच जाएगी

वैश्वीकरण से क्या समझते हैं वैश्वीकरण के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसामान्य अर्थ में इसका अभिप्राय सम्पूर्ण विश्व एक परिवार के रूप में एकीकृत होकर अपनी भौगोलिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक दूरियों को मिटाकर मानव समाज के एकीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण करना है। वैश्वीकरण ने भौगोलिक दूरियों को कम किया है. साथ-साथ प्रादेशिक सीमाओं का महत्त्व भी निरंतर कम होने लगा है।

वैश्वीकरण के कितने प्रकार होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवैश्वीकरण की बुनियादी बात है – प्रवाह। प्रवाह कई तरह के होते हैं , जैसे – वस्तु प्रवाह, पूँजी प्रवाह ,व्यापार प्रवाह ,विचार प्रवाह और आवाजाही प्रवाह आदि । इन सब प्रवाहों की निरन्तरता से विश्वव्यापी पारस्परिक जुडाव उत्पन्न हुआ है।

वैश्वीकरण के विभिन्न स्तर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है। वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूँजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अन्तरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण।

भारत पर वैश्वीकरण के कौन से प्रभाव हुए हैं?

इसे सुनेंरोकेंवैश्वीकरण के कारण विशेष रूप से फार्मास्युटिकल, सूचना प्रौद्योगिकी, रसायन, परिधान, चमड़ा, कृषि, विनिर्माण आदि जैसे क्षेत्रों को लाभ हुआ। वैश्वीकरण से भारत के आईटी क्षेत्र को सबसे अधिक लाभ हुआ। सूचान प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Sector) – भारतीय आईटी क्षेत्र को वैश्वीकरण से काफी बढ़ावा मिला है

भारत में वैश्वीकरण का क्या उद्देश्य है?

इसे सुनेंरोकेंवैश्वीकरण से औद्योगिक क्षेत्र मे कई शासकीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाधायें दूर हो जाती है तथा विदेशी प्रतियोगिता का सामना करने के लिए देशी उद्योग अपने को सक्षम बनाने का प्रयास करते है। इससे देश मे स्वाथ्य औद्योगिक विकास होता है। रूग्ण एवं घाटे मे चलने वाली इकाइयां भी अपना सुधार करने का प्रयास करती है

वैश्वीकरण के मुख्यतः कितने अंग है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: वैश्वीकरण के 5 अंग होते हैं