राज्य मनुष्यों का कानून की सहमति में एकत्रीकरण है किसका कथन है?
इसे सुनेंरोकेंहॉब्स एक संविदाकार था और उसका यह मानना था कि कानून ने लोगों की अनकही सहमति हासिल कर ली. उनका मानना था कि प्रकृति की अवस्था से समाज की संरचना लोगों को मानवजाति के बीच जो अन्यथा विद्यमान हैं, युद्ध की स्थिति से सुरक्षा प्रदान करने के लिए हुई.
विधि के समक्ष समानता से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रथम अवधारणा अर्थात् ‘कानून के समक्ष समानता’ का मूल ब्रिटिश व्यवस्था में निहित है। इसका तात्पर्य देश के अंतर्गत सभी न्यायालयों द्वारा प्रशासित कानून के सामने सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा, चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब, सरकारी अधिकारी हो या कोई गैर-सरकारी व्यक्ति, क़ानून से कोई भी ऊपर नहीं है।
न्याय का अर्थ प्रत्येक उसका हक देना है यह कथन किसका है?
इसे सुनेंरोकेंन्याय का अर्थ प्रत्येक का उसका हक देना यह कथन प्लेटो का है!20 सित॰ 2021
समता और समानता में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंइसके विपरीत, समानता समानता को पहचानती है और इसलिए इसका उद्देश्य सभी को समान मानना है। इक्विटी में, सभी लोगों के पास उनकी आवश्यकता के लिए पहुंच हो सकती है। समानता, इसके विपरीत, सभी लोगों को एक ही चीज़ मिलती है, अर्थात अधिकार, संसाधन और अवसर।
अधिकार को कानूनी मान्यता कैसे मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंसंविधान देशों के सर्वोच्च कानून के द्योतक होते हैं, इसलिए कुछ खास अधिकारों की संवैधानिक मान्यता उन्हें बुनियादी महत्त्व प्रदान करती है। अपने देश में इन्हें हम मौलिक अधिकार कहते हैं। अन्य कानूनों और नीतियों से इन संवैधानिक अधिकारों के सम्मान की अपेक्षा की जाती है।
भारत में असमानता के क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंव्यक्तिगत स्वार्थ के लिए समाज को जाति और धर्म में बाँटना जायज नहीं. आर्थिक असमानता के कारण ही आज समाज में अमीरों और अरबपतियों की संख्याँ तो बढ़ रही है परन्तु समाज के गरीब लोग या तो जिस हाल में थे आज भी वही पे खड़े हैं या नहीं तो और गरीब ही होते जा रहे हैं. आर्थिक न्याय ही सामाजिक न्याय का नींव है.
स्वतंत्रता का अधिकार क्या है?
इसे सुनेंरोकेंस्वतंत्रता एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लोगों को बाहरी प्रतिबंधों के बिना बोलने, करने और अपने सुख को प्राप्त करने का अवसर मिलता है, और कई लोगों को स्वतन्त्र होकर जीवन यापन करने में अच्छा लगता है, वे लोग किसी अन्य व्यक्ति से ज्यादा बोलना और न ही किसी से ज्यादा मतलब रखना पसंद करते हैं।
राज्य अनैतिकता का शिशु है यह कथन किसका है?
इसे सुनेंरोकेंजिसको जर्मन दार्शनिक इमानुएल काण्ट ने प्रस्तुत किया था। यह सिद्धांत यूरोपीय ज्ञानोदय युग ( 18 वी सदी) के परिणाम स्वरुप विकसित हुआ था, यह इस दृष्टिकोण पर आधारित है कि आंतरिक रूप से एक शुभ संकल्प ही शुभ कार्य है;एक कार्य केवल तभी शुभ हो सकता है यदि उसके पीछ सिद्धांत हो- कि नैतिक नियमो का पालन एक कर्तव्य कि तरह किया जाये।
वैधानिक न्याय का क्या अर्थ होता है?
इसे सुनेंरोकेंवैधानिक न्याय का अर्थ है, कानून के अनुसार न्याय। किसी भी देश, राष्ट्र, राज्य, संस्था या संगठन आदि का एक संविधान होता है, जिसमें कुछ नियम और कानून होते हैं। उन नियम और कानूनों के अनुसार ही न्याय प्रदान करना वैधानिक न्याय कहलाता है