भारतीय संविधान की विशेषताएं कौन कौन सी हैं?

भारतीय संविधान की विशेषताएं कौन कौन सी हैं?

भारतीय संविधान की विशेषताएं

  • नाममात्र का प्रमुख– राष्ट्रपति ( जैसे ब्रिटेन की महारानी )
  • मंत्रियों की कैबिनेट प्रणाली
  • प्रधानमंत्री का पद
  • सरकार का संसदीय प्रकार
  • दो सदन वाली संसद
  • अधिक शक्तिशाली निचला सदन
  • मंत्रि परिषद का निचले सदन के प्रति जिम्मेदार होना
  • लोकसभा में अध्यक्ष

संविधान क्या है इसके कार्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंविधान, किसी भी देश का मौलिक कानून है जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण करता है। साथ ही यह सरकार और देश के नागरिकों के बीच संबंध भी स्थापित करता है। साथ ही यह सरकार और देश के नागरिकों के बीच संबंध भी स्थापित करता है।

क्या है शिक्षा के अधिकार विधेयक का प्रारूप?

जून 2005- केंद्रीय शिक्षा सलाहकार पर्षद समिति ने शिक्षा के अधिकार विधेयक का प्रारूप तैयार किया और उसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे नैक के पास भेजा, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी हैं। नैक ने इस विधेयक को प्रधानमंत्री के ध्यानार्थ भेजा।

क्या है एक सामान्य स्कूल प्रणाली की नींव?

उपरोक्त प्रावधान एक सामान्य स्कूल प्रणाली के विकास की नींव रखने की दिशा में प्रभावी कदम है। इससे सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी और इस प्रकार सामाजिक तथा आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को अलग-थलग करने में रोक लग सकेगी। 2. 6 से 14 साल के आयु वर्ग को चुनने का क्या उद्देश्य है? यह कानून क्यों महत्वपूर्ण है और इसका भारत के लिए क्याः अर्थ है?

क्या है इस अनुच्छेद का पहला मसौदा?

अक्तूबर 2003- उपरोक्त अनुच्छेद में वर्णित कानून, मसलन बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा विधेयक 2003 का पहला मसौदा तैयार कर अक्तूबर 2003 में इसे वेबसाइट पर डाला गया और आमलोगों से इस पर राय और सुझाव आमंत्रित किये गये।

नए नियमों को लागू करने के लिए सरकारी स्कूलों को नोटिस जारी करना चाहिए।?

साथ ही, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निज़ी स्कूलों को इस अधिनियम के प्रावधानों तथा प्रक्रियाओं के बारे में रूप-रेखा तैयार कर नोटिस जारी करनी चाहिए ताकि आस-पास के बच्चे स्कूल में दाखिला ले सकें। साथ ही, शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर राज्य के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जानी चाहिए।

जून 2005- केंद्रीय शिक्षा सलाहकार पर्षद समिति ने शिक्षा के अधिकार विधेयक का प्रारूप तैयार किया और उसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे नैक के पास भेजा, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी हैं। नैक ने इस विधेयक को प्रधानमंत्री के ध्यानार्थ भेजा।

उपरोक्त प्रावधान एक सामान्य स्कूल प्रणाली के विकास की नींव रखने की दिशा में प्रभावी कदम है। इससे सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी और इस प्रकार सामाजिक तथा आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को अलग-थलग करने में रोक लग सकेगी। 2. 6 से 14 साल के आयु वर्ग को चुनने का क्या उद्देश्य है? यह कानून क्यों महत्वपूर्ण है और इसका भारत के लिए क्याः अर्थ है?

अक्तूबर 2003- उपरोक्त अनुच्छेद में वर्णित कानून, मसलन बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा विधेयक 2003 का पहला मसौदा तैयार कर अक्तूबर 2003 में इसे वेबसाइट पर डाला गया और आमलोगों से इस पर राय और सुझाव आमंत्रित किये गये।

साथ ही, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निज़ी स्कूलों को इस अधिनियम के प्रावधानों तथा प्रक्रियाओं के बारे में रूप-रेखा तैयार कर नोटिस जारी करनी चाहिए ताकि आस-पास के बच्चे स्कूल में दाखिला ले सकें। साथ ही, शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर राज्य के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जानी चाहिए।