ओम किसका मंत्र है?
इसे सुनेंरोकेंसृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, पालनहार विष्णु और संहारक महेश का संयुक्त रूप है ऊँ. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस शब्द में ही पूरी सृष्टि समाई हुई है. ऊँ की ध्वनि, बिना किसी संयोग या टकराव के पूरे ब्रह्मांड में गूंजती रहती है. इसीलिए इसके उच्चारण से ही आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है
ओम किसका प्रतीक है?
इसे सुनेंरोकेंॐ शब्द तीन ध्वनियों से बना हुआ है- अ, उ, म इन तीनों ध्वनियों का अर्थ उपनिषद में भी आता है. यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी है और यह भू: लोक, भूव: लोक और स्वर्ग लोग का प्रतीक है. तंत्र योग में एकाक्षर मंत्रों का भी विशेष महत्व है.
ओंकार की साधना कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंऊँ का उच्चारण करते समय रखें इन बातों का ध्यान ऊँ का उच्चारण करने से सांसे तेज हो जाती हैं. खुले स्थान पर इसका उच्चारण करने से हमारे शरीर में स्वच्छ हवा जाती है, जो शरीर के लिए बहुत लाभदायक होती है. ऊँ का उच्चारण सुखासन, पद्मासन, वज्रासन आदि मुद्रा में बैठ कर ही करना चाहिए
ओम शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
इसे सुनेंरोकेंआष्टा | मूर्ति में सभी देवताओं की पूजा होती है पर भगवान महादेव की पूजा मूर्ति व लिंग दोनों में होती है। क्योंकि एकमात्र भगवान शिव ही ब्रह्म रूप होने के कारण निश्कल कहे गए हैं। रूपवान होने के कारण उन्हें सकल भी कहा गया है अर्थात शिव लिंग शिव के निराकार स्वरुप का प्रतीक है।
जैन धर्म में ॐ किसका प्रतीक है?
इसे सुनेंरोकेंइस संबंध में जैन धर्म के प्रभावनारत पूज्य आचार्यदेव, साधुगण, साध्वियाँ, विद्वत्मनीषी, प्रवचनकार भी अपने धर्मोपदेश के समय जैन परम्परागत इस ‘ओम्’ की जानकारी तथा इसे बनाने की प्रायोगिक विधि भी जनसामान्य को बतलाकर अर्हन्त भगवान के जिन-शासन के वास्तविक स्वरूप को प्रकट कर/करा सकते हैं।
ओम का ध्यान कौन करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंओ३म् का जप ध्यान आदि कान करते हैं
कार्य सिद्धि का मूल मंत्र क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकार्य सिद्धि के लिए : ओम् आं हृां क्ष्वीं ओम् हृीं तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः। ओम् अस्य श्री सुरी मंत्रस्वार्थवर्ण, ऋषि इति शिपस स्वाहा
ओम का जन्म कब हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंओम का जन्म 16 मार्च, 1789 को हुआ था। विद्युतधारा परिचालन (इलेक्ट्रिक करंट) और प्रतिरोध संबंधी खोज करने वाले इस वैज्ञानिक का पूरा जीवन संघर्ष भरा रहा। उनके नाम पर ही इसे ‘ओम का नियम’ कहते हैं
ओम के उच्चारण से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रन्थि पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. ॐ के उच्चारण से हार्ट की समस्याएं और पाचन तंत्र दोनों ही ठीक रहता है. नींद ना आने की समस्या यानि insomnia इससे कुछ समय में ही दूर हो जाती है. इसलिए बेड पर जाते ही ॐ का उच्चारण करना चाहिए