सूर्य आसन कैसे किया जाता है?

सूर्य आसन कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंपहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है

सूर्य नमस्कार कौन कौन से होते हैं?

सूर्यनमस्कार के आसन

आसन श्वासक्रिया
प्रणामासन उच्छवास
हस्त उत्तानासन श्वास
उत्तानासन उच्छवास
अश्व संचालनासन श्वास

सूर्य नमस्कार करने से क्या लाभ है?

एक नजर सूर्य नमस्कार के 10 फायदों पर…

  1. आपका स्वास्थ्य निखरता है
  2. बेहतर पाचन तंत्र
  3. सूर्य नमस्कार करने से पेट कम होता है
  4. डिटॉक्स करने में मिलती है मदद
  5. दूर रहेगी हर चिंता
  6. शरीर में लचीलापन आता है
  7. मासिक-धर्म रेगुलर होता है
  8. रीढ़ की हड्डी को मिलती है मजबूती

सूर्य नमस्कार कब और कैसे करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंसूर्य नमस्कार सुबह के समय खुले में उगते सूरज की ओर मुंह करके करना चाहिए। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन डी मिलता है। इससे मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है। वजन और मोटापा घटाने में भी सूर्य नमस्कार लाभकारी है

सूर्य नमस्कार कितने आसनों का एक समन्वय योग है *?

इसे सुनेंरोकें’सूर्य नमस्कार’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

सूर्य नमस्कार कम से कम कितनी बार करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंयदि आप सुबह की शुरुआत इससे करते हैं तो कई तरह के रोगों से दूरी बनाते हुए स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। सूर्य नमस्कार को 5 से 10 मिनट तक करना काफी है। इसे सूर्य के सामने किया जाए, तो फायदा ज्यादा होता है। यदि सूर्य नमस्कार रोजाना पांच से बारह बार तक कर लिया जाए तो कोई और आसन करने की आवश्यकता नहीं रह जाती।

कौन सा आसन बैठकर करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजैसा की नाम से इंगित हो रहा है कि बैठ कर किये जाने वाले योग में सुखासन सबसे आसान योग है। इसे करने के लिए आप जमीन पर पैर मोड़ कर आराम से बैठ जाइए। दोनों हाथों की हथेलियों को खोल कर एक-के ऊपर एक रख दीजिए। इस आसन को करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा कर के बैठें और उसे बिल्‍कुल भी ना मोड़े