क्या आप न्यायिक समीक्षा से समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंन्यायिक समीक्षा विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जाँच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है जो केंद्र एवं राज्य सरकारों पर लागू होती है। विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया: इसका अर्थ है कि विधायिका या संबंधित निकाय द्वारा अधिनियमित कानून तभी मान्य होता है जब सही प्रक्रिया का पालन किया गया हो
हाईकोर्ट में अपील कैसे करें?
प्रथम अपील आवेदन की मूल प्रति।…
- आवेदन सादे कागज पर तैयार करें, जो हस्तलिखित या टाइप किया हो सकता है।
- आवेदन केंद्रीय सूचना आयोग या संदर्भित राज्य की वेबसाईट से डाउनलोड किया जा सकता है।
- डाउनलोड किये गये फॉर्मेट में सभी सूचनाएँ स्पष्ट रूप से भरें।
- आवेदन अँग्रेजी, हिन्दी या क्षेत्र की राजकीय भाषा में तैयार होना चाहिए।
विशेष अपील क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकानून में, एक अपील वह प्रक्रिया है जिसमें मामलों की समीक्षा की जाती है, जहां पार्टियां आधिकारिक निर्णय में औपचारिक परिवर्तन का अनुरोध करती हैं। अपील दोनों त्रुटि सुधार के साथ-साथ कानून को स्पष्ट करने और व्याख्या करने की प्रक्रिया के रूप में कार्य करते हैं।
न्यायिक पुनरावलोकन और न्यायिक समीक्षा में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंन्यायिक समीक्षा का अर्थ है- एक कानून या आदेश की समीक्षा और वैधता निर्धारित करने के लिए न्यायपालिका की शक्ति को प्रर्दशित करना। दूसरी ओर, न्यायिक सक्रियता इस बात को संदर्भित करती है कि न्यायिक शक्ति का उपयोग मुखर और लागू होने से क्या इसका लाभ बडे पैमाने पर सामान्य लोगों और समाज को मिला पा रहा है कि नहीं
न्यायिक पुनरावलोकन का अर्थ क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में, न्यायिक पुनरावलोकन से तात्पर्य न्यायालय की उस शक्ति से है जिस शक्ति के बल पर वह विधायिका द्वारा बनाये कानूनों, कार्यपालिका द्वारा जारी किये गये आदेशों, तथा प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की जांच करती है कि वह मूल ढांचें के अनुरूप हैं या नहीं। …
सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कितने प्रकार की अपील दायर की जा सकती है?
इसे सुनेंरोकेंअपील के तीन प्रकार निम्नलिखित है। (के) – अभियुक्त द्वारा दायर अपील याचिका। (ख) – राज्य सरकार द्वारा दायर अपील याचिका। (ग) – अभियोजन पक्ष द्वारा दायर अपील याचिका। (क) – अभियुक्त द्वारा दायर अपील याचिका
सर्वोच्च न्यायालय में कितने प्रकार की अपील दायर की जा सकती है?