राष्ट्रीय एकता दिवस किसकी जयंती पर मनाया जाता है?

राष्ट्रीय एकता दिवस किसकी जयंती पर मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंNational Unity Day 2021: राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. भारत के लौह पुरुष (Iron Man of India) – सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की जयंती को मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा साल 2014 में इस दिन की शुरुआत की गई थी.

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत किसकी यादगार में हुई?

इसे सुनेंरोकेंइसकी शुरुआत भारत के 14वें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में किया । भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए उनके जनमतिथि ३१ अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाया जाता है। इसका आरम्भ भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने सन २०१४ में किया।

राष्ट्रीय एकता दिवस कैसे मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंवल्लभ भाई पटेल के योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल 31 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था.

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म कब और कहां हुआ?

31 अक्तूबर 1875, नडियाद
वल्लभ भाई पटेल/जन्म की तारीख और समय

31 नवंबर को कौनसा दिवस मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंइस तिथि को ‘बाल दिवस’ बताया जाना भारत के आमजनों के बीच सिर्फ फ्राड फैलाना है।

राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने की परंपरा कब से प्रारंभ हुई * 1 Point 2012 से 2014 से 2016 से?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय एकता दिवस प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर को भारत में मनाया जाता है। इस दिवस को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जिनकी भारत के राजनीतिक एकीकरण में प्रमुख भूमिका थी। इस दिन की शुरुआत भारत सरकार द्वारा सन् 2014 में की गई थी।

स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल का सबसे बड़ा योगदान क्या था?

इसे सुनेंरोकेंस्वतंत्रता आंन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा आन्दोलन में हुआ। वर्ष 1928 में इनके नेतृत्व में बारडोली सत्याग्रह हुआ। सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के गृहमंत्री बने तो उनके ऊपर भारतीय रियासतों के विलय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।

पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता था?

इसे सुनेंरोकेंउनकी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल का ही कमाल था कि 600 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर सके. भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष का दर्जा प्राप्त था. उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसे विशेषणों से नवाजा गया.