स्पेस सूट पहनने से क्या लाभ मिलता है?
इसे सुनेंरोकेंस्पेस-सूट पहनने वाले को ऑक्सीजन मिलती रहती है, जिससे वह साँस ले सकता है। स्पेस-सूट ठंड से भी बचाता है। एक समय था, जब अपने मंगल ग्रह पर सभी लोग ज़मीन के ऊपर रहते थे। बगैर किसी तरह के यंत्रों की मदद के, बगैर किसी खास किस्म की पोशाक के, हमारे पुरखे ज़मीन के ऊपर रहा करते थे लेकिन धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा
स्पेस सूट में हमें कौन सी गैस मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंखगोल वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ऑक्सीजन के अणु की खोज की है
स्पेस सूट की विशेषता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइसके अंदर कंप्यूटर, एअरकंडीशनिग, ऑक्सीजन, पीने के पानी और यहा तक कि इनबिल्ट टॉयलेट की भी व्यवस्था होती है। इतना ही नहीं, अंतरिक्ष यान से बाहर निकलकर अध्ययन अथवा अंतरिक्ष यान की मरम्मत का काम करते हुए स्पेस सूट एक रॉकेट पॉवर्ड बैकपैक से जुड़े होते हैं ताकि अंतरिक्ष यात्री आसानी से उड़ान भर सकें
अंतरिक्ष यात्री क्या पहनते हैं?
इसे सुनेंरोकेंस्पेकस क्राफ्ट में रहते हुए अंतरिक्ष यात्री अधिकतर नीले रंग की ड्रेस पहनते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक स्पेस सूट का वजन बिना किसी सामान के करीब 21 किलो होता है। इसकी कीमत तकरीबन 1,20,00,000 अमेरिकी डॉलर तक हो सकती है
अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंअंतरिक्ष यान को ‘नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ यानी नासा ने भेजा था। नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह की मिट्टी का अध्ययन करना चाहते थे। वे इस अध्ययन द्वारा यह पता लगाना चाहते थे कि क्या मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह के जीव रहते हैं या नहीं। इसी उद्देश्य से ‘नासा’ ने अंतरिक्ष यान भेजा था।
सूट कितने प्रकार का होता है?
इसे सुनेंरोकेंचार सूट्स है इस प्रकार का ताश में: चिड़ी (♣), ईंट (♦), पान (♥) और हुकुम (♠)। सभी सूट में है अंक के पत्ते, 1 से 12.
स्पेस वॉक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंजब कोई अंतरिक्ष यात्री यान से निकलकर अंतरिक्ष में कदम रखता है, तो उसे स्पेस वॉक कहते हैं। 18 मार्च, 1965 को रूसी अंतरिक्ष यात्री एल्केसी लियोनोव ने पहली बार स्पेस वॉक की थी। आज समय-समय पर अंतरिक्ष यात्री स्पेस वॉक के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर जाते हैं।
स्पेस सूट कैसे बनता है?
इसे सुनेंरोकेंनासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की स्थितियों का आँकलन करने के बाद ही एस्ट्रोनॉट्स के लिए इस सूट को बनाया है। यह सूट जिस स्ट्रांग मटरल से बनाया जाता है उसे ‘हार्ड अपर टोर्सो’ कहते हैं। इन सुट्स को नार्मल कपडे से इसलिए नहीं बनाते क्यूंकि स्पेस में तापमान शुन्य से 270 डेग्रेस्स सेल्सियस निचे होता है।