पचे हुए भोजन को पूरे शरीर में ले जाने में क्या मदद करता है?

पचे हुए भोजन को पूरे शरीर में ले जाने में क्या मदद करता है?

इसे सुनेंरोकेंक्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति/अस्तर अंगुली जैसी संरचनाओं/प्रवर्ध में विकसित होते हैं जिन्हें दीर्घ रोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं। दीर्घ रोम में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है, जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाते हैं।

पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र कैसे कार्य करता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : पचे हुए भोजन को आंत्र की भित्ति अवशोषित कर लेती है। क्षुद्रांत्र के आंतरिक आस्तर पर अंगुली जैसे अनेक प्रवर्ध होते हैं, जिन्हें दीर्घ रोम कहते हैं। ये अवशोषण के सतही क्षेत्रफल को बढ़ा देते हैं। इनमें रुधिर वाहिकाओं की अधिकता होती है जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।

छोटी आंत में पचे हुए भोजन को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपाचन वह क्रिया है जिसमें भोजन को यांत्रि‍कीय और रासायनिक रूप से छोटे छोटे घटकों में विभाजित कर दिया जाता है ताकि उन्हें रक्तधारा में अवशोषित किया जा सके. पाचन एक प्रकार की अपचय क्रिया है: जिसमें आहार के बड़े अणुओं को छोटे-छोटे अणुओं में बदल दिया जाता है।

पचे हुए भोजन का अवशोषण कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंपचे हुए भोजन को कोशिकाद्रव्य में अवशोषित कर दिया जाता है (अवशोषण)। अवशोषित भोजन को कोशिका के भीतर, जहाँ भी आवश्यकता होती है, उपयोग कर लिया जाता है (स्वांगीकरण)। अपचित अनअवशोषित भोजन को बाहर निकाल दिया जाता है। यह क्रिया खाद्य धानी के कोशिका सतह पर पहुँचकर फट जाने पर होती है (बहिःक्षेपण)।

हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?

इसे सुनेंरोकेंबहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है।

आमाशय द्वारा भोजन को बाहर निकालना क्या कहलाता है?

इसे सुनेंरोकेंवमन (उल्टी) यह आमाशय में एकत्र पदार्थो के मुख से बाहर निकलने की क्रिया है। प्रवाहिका (डायरिया)– मल का अत्यधिक पतला होना प्रवाहिका कहलाता है इसमें भोजन अवशोषण की क्रिया दर घट जाती है।