आज किसान आंदोलन में क्या हो रहा है?
इसे सुनेंरोकेंपंजाब-हरियाणा में किसानों का हल्लाबोल जारी है. करनाल हो या अंबाला या फिर दिल्ली, हर जगह किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. आंदोलन के साथ साथ सरकार से किसानों की बातचीत का दौर अब 9वें पड़ाव पर है. 15 जनवरी को बातचीत तय है लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होने जा रही है इस मामले में
दिल्ली में किसानों का क्या हाल?
इसे सुनेंरोकेंकिसान आंदोलन के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कई रूट को बंद कर दिया है. इसमें दिल्ली को गाजियाबाद से जोड़ने वाली एनएच-24 शामिल है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, NH-24, गाजीपुर बॉर्डर आने और जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है. ट्रैफिक को डीएनडी और आनंद विहार की ओर डायवर्ट किया गया है
किसान आंदोलन दिल्ली में क्या हो रहा है?
इसे सुनेंरोकेंनई दिल्ली नए कृषि कानूनों को पास हुए एक साल पूरे हो गए। राजधानी की सीमाओं पर तो किसान डटे ही हैं, आज ‘काला दिवस’ भी मनाया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) की अगुवाई में संसद तक एक मार्च भी प्रस्तावित है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेडिंग करके रास्ते बंद कर दिए हैं
भारत का प्रथम किसान आंदोलन कौन सा था?
इसे सुनेंरोकेंखेड़ा सत्याग्रह : चम्पारण के बाद गांधीजी ने सन् 1918 में खेड़ा किसानों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन शुरू किया। खेड़ा गुजरात में स्थित है। खेड़ा में गांधीजी ने अपने प्रथम वास्तविक ‘किसान सत्याग्रह’ की शुरुआत की।
किसान आंदोलन कितना सही कितना गलत?
इसे सुनेंरोकेंयह सही है कि किसान आंदोलन के कारण मोदी सरकार दबाव में थी। क्योंकि परसों तक मोटे तौर पर यह आंदोलन सुव्यवस्थित और संकल्पित भाव से चलता लग रहा था। लगता है कि आंदोलन की इसी शक्ति ने किसान नेताओं को मुगालते में ला दिया। वरना गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड करने का कोई औचित्य नहीं था
किसान आंदोलन कानून क्या है?
इसे सुनेंरोकें- पहला कानूनः कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 है. इसके मुताबिक किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते हैं. बिना किसी रुकावट के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते हैं. – दूसरा कानूनः मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण अनुबंध विधेयक 2020 है