देवर विवाह क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपतिभ्राता विवाह में एक विधवा स्त्री अपने मृत पति के किसी भाई के साथ विवाह करती है। इस विवाह को ‘देवर विवाह’ भी कहा जाता है। जब विवाह पति के बड़े भाई के साथ किया जाता है तो यह ‘ज्येष्ठ विवाह’ और पति के छोटे भाई के साथ किया जाता है तो ‘देवर विवाह’ कहलाता है।
जनजाति विवाह कितने प्रकार के होते हैं?
जनजातियों में विवाह के स्वरूप- पति व पत्नी की संख्या के आधार पर मानवशास्त्रियों ने विवाह के तीन रूपों का उल्लेख किया है-एक विवाह (monogamy), बहुपत्नी विवाह (polygamy) तथा बहुपत्नी विवाह (polyandry)।
बहु पति विवाह के गुण कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकेंबहुपति विवाह के कारण परिवार का विभाजन एवं विघटन नहीं होने पाता, इस कारण परिवार की सामूहिकता एवं एकता बनी रहती है। ऐसे विवाह के कारण परिवार को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने एवं आर्थिक क्रियाओं के संपादन में सभी का सहयोग प्राप्त होता है। साथ ही प्रकृति से संघर्ष भी सामूहिक रूप से किया जाता है।
कौन सी जनजाति में बहुपति विवाह होती है *?
इसे सुनेंरोकेंबुक्सा जनजाति की कन्या विवाह से पहले परिवार के आर्थिक उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है लेकिन विवाह के बाद कन्या पक्ष कन्या के सहयोग से मिलने वाले लाभ से वंचित हो जाता है जिसकी भरपाई के रूप में कन्या का पिता कन्या का मूल्य पाने का अधिकारी माना जाता है।
बहुपत्नी विवाह के क्या दोष है?
इसे सुनेंरोकेंबहुपति विवाह में एक स्त्री को कई पुरुषों से यौन संबंध रखने होते हैं। इस कारण यौन रोग बनाते हैं एवं स्त्री का स्वास्थ्य गिर जाता है। इस प्रकार की विवाह प्रथा वाले समाजों में स्त्रियों को कुछ अधिक यौन स्वतंत्रता प्राप्त होने से वहां यौन अनैतिकता बढ़ जाती है।
जनजातियों में जीवनसाथी प्राप्त करने की कितनी पद्धति है?
इसे सुनेंरोकेंइस जनजाति में जीवन साथी के चुनने के बारह तरीके हैं। 1. सदाय या रायवर वापला- संताल जनजाति में दोनों पक्षों के अभिभावकों की सहमति से होने वाला आदर्श विवाह धूमधाम से होता है। बारात भोज सभी कुछ शान बान के साथ होता है।
बहुपत्नी विवाह के कारण कौन से हैं?