कारावास का क्या अर्थ होता है?
इसे सुनेंरोकेंजब कोई अदालत किसी अपराध के लिए किसी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाती है तो विधि के समक्ष इस सज़ा की अवधि का अर्थ सज़ा पाने वाले व्यक्ति की अंतिम सांस तक होता है। अर्थात वह व्यक्ति अपने शेष जीवन के लिए जेल में रहेगा। यही आजीवन कारावास का अर्थ है जिसकी व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसलों में की है
आजीवन कारावास का क्या मतलब है?
इसे सुनेंरोकेंआजीवन कारावास (Life imprisonment) एक दण्ड है जिसमें अपराधी को अपने जीवन के अंत या 20 साल तक जेल में गुजारना होता है। न्यायाधीश के एस राधाकृष्णन और मदन बी लोकुर की पीठ ने कहा, ‘आजीवन कारावास की सजा पाए कैदी को आखिरी सांस तक जेल में रहना होता है, बशर्ते कि उसे उचित प्राधिकार वाली किसी सरकार ने कोई छूट नहीं दी हो.
ताक झांक का अपराध करने के लिए कारावास की अधिकतम अवधि क्या है?
इसे सुनेंरोकें1- अगर कोई व्यक्ति किसी भी स्त्री की ताक झांक करता है छुप छुप कर देखता है तो इस स्थिति में उस व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर 1 साल से लेकर के 3 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। एवं जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है
आजीवन कारावास में कितने वर्ष का सजा होता है?
इसे सुनेंरोकेंक्या है आजीवन कारावास की सजा आजीवन कारावास का मतलब दोषी को बाकी का जीवन जेल में काटने से है. तमाम मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की व्यख्या की है. इसके मुताबिक आजीवन कारावास के दोषी को कम से कम 14 साल और अधिकतम पूरा जीवन जेल में काटना होता है
आई पी सी की कौन सी धारा वैध संरक्षकता से अपहरण को परिभाषित करती है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 356 – हमला या आपराधिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली संपत्ति की चोरी का प्रयास। धारा 360 – भारत में से व्यपहरण। धारा 361 – विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण धारा 362 – अपहरण।
धारा 376 कब लगती है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 376 AB भारतीय दंड संहिता में दण्ड के प्रावधान जो कोई भी व्यक्ति 12 वर्ष से कम की लड़की से बलात्कार या बलात्संग करेगा। जो कि गभीर अपराधो की श्रेणी में आता है। ओर पूर्ण रूप से दण्डनीय अपराध है। जिसकी सजा 20 वर्ष तक का कठोर कारावास या आजीवन कारावास से एवं जुर्माने से भी दंडित किया जायेगा