मानवीय मूल्य और नैतिक मूल्य में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंमूल्य हमें बताते हैं कि हम अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं या हासिल करना चाहते हैं, जबकि नैतिकता हमें यह तय करने में मदद करती है कि दी गई स्थिति में नैतिक रूप से सही या गलत क्या है। नैतिकता निर्धारित करती है कि हमारे विकल्प सही या गलत किस सीमा तक हैं।
नैतिक ज्ञान क्या है?
इसे सुनेंरोकेंनैतिक शिक्षा नैतिक आचरण एवं व्यवहार के लिये दी जाने वाली वह शिक्षा है जिसके फलस्वरूप बालक में नैतिकता का विकास होता है। मानव चरित्र के सर्वमान्य मानवीय गुणों को अपनाना ही नैतिकता है। इसके धर्म, सदाचरण, नैतिक कर्तव्य और मानवीय गुण आदि सभी आते है। नैतिकता जन्मजात नही होती बल्कि इसे अर्जित किया जाता है।
नैतिक मूल्य कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंसच्चाई, ईमानदारी, प्रेम, दयालुता, मैत्री आदि को नैतिक मूल्य कहा जाता है। सच्चाई को स्वतः साध्य मूल्य कहा जाता है यह अपने आप में ही मूल्यपूर्ण है। इसका प्रयोग साधन की भांति नहीं किया जाता, बल्कि यह स्वतः साध्य है। सभी विवादों में भी सत्य के अन्वेषण का प्रयास किया जाता है।
नैतिक शिक्षा में क्या क्या आता है?
इसे सुनेंरोकेंजैसे व्यक्ति होंगे वैसा ही समाज बनेगा। किसी देश का उत्थान या पतन इस बात पर निर्भर करता है कि इसके नागरिक किस स्तर के हैं और यह स्तर बहुत करके वहाँ की शिक्षा-पद्धति पर निर्भर रहता है। नैतिक शिक्षा व्यक्ति के निर्माण और समाज के उत्थान में शिक्षा का अत्यधिक महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।
मानवीय मूल्यों से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमानवीय मूल्य वे मानवीय मान, लक्ष्य या आदर्श हैं जिनके आधार पर विभिन्न्ा मानवीय परिस्थितियों तथा विषयों का मूल्यांकन किया जाता है। वे मूल्य व्यक्ति के लिए कुछ अर्थ रखते हैं और उन्हें व्यक्ति अपने सामाजिक जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण समझते हैं।
मानवीय संबंधों में कौन से मूल्य आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंमानव संबंध – मानव संबंधों में 3 बुनियादी विषय: संचार, प्रेरणा और सहानुभूति मानव संबंध में मूल विषय संचार, प्रेरणा और सहानुभूति से संबंधित हैं। संचार वह तरीका है जिसमें सूचना और समझ का संचार होता है। यह समूह व्यवहार को एकीकृत करता है, और यह समूह सहयोग के लिए मूल प्रदान करता है।
नैतिक शिक्षा का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंक) नैतिक शिक्षा से जीवन में अनुशासन देखने को मिलती है, जिससे लोगों के विचारों में बदलाव आता है। ख) नैतिक शिक्षा से समाज के लोगों के प्रति दया और समर्पण भाव प्रकट होती है। ग) नैतिक शिक्षा से अच्छे समाज की उत्पत्ति होती है, जिससे एक प्रगतिशील समाज की स्थापना होती है।
नैतिक शब्द से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंनैतिकता मानव समाज का एक अभिन्न अंग है। हमारे द्वारा किए गए किसी भी निर्णय में नैतिक आधार होता है। मानव समाज में नैतिकता की भूमिका वांछित या अवांछित क्या है यह निर्धारित करने में निहित है। इस प्रकार, नैतिकता एक दार्शनिक अवधारणा है जिसमें सही और गलत की अवधारणाओं को व्यवस्थित करना, बचाव करना और अनुशंसा करना शामिल है।
मूल्य के प्रकार कौन कौन से हैं?
मूल्यों का वर्गीकरण/प्रकार, महत्व
- आध्यात्मिक मूल्य इन मूल्यों के अंतर्गत श्रद्धा, आस्तिकता, सह्रदयता, विनम्रता, शांति, दया आदि आते है।
- सामाजिक मूल्य
- सांस्कृतिक मूल्य
- नैतिक मूल्य
- राजनीतिक मूल्य
- अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य
नैतिक मूल्य कितने वर्गों में वर्गीकृत किए गए हैं नाम लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंमूल्यों के तीन आयाम- (1) जैविक, (2) सामाजिक एवं (3) आध्यात्मिक हैं।
नैतिक शिक्षा कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंसब पर दया करना, कभी झूठ नहीं बोलना, बड़ों का आदर करना, दुर्बलों को तंग न करना, चोरी न करना, हत्या जैसा कार्य न करना, सच बोलना, सबको अपने समान समझते हुए उनसे प्रेम करना, सबकी मदद करना, किसी की बुराई न करना आदि कार्य नैतिक शिक्षा या नैतिक मूल्य कहलाते हैं।
नैतिक शिक्षा का महत्व क्या है?